करतार सिंह राजपूत/ग्वालियरः केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी विधायक जजपाल सिंह जज्जी की विधायकी जाने का खतरा पैदा हो गया है. दरअसल हाईकोर्ट ने अशोकनगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को गलत ठहराया है. साथ ही कोर्ट ने गलत प्रमाण पत्र पेश कर चुनाव लड़ने के लिए जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का भी निर्देश दिया है. इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से जज्जी के चुनाव को अवैध घोषित करने को भी कहा है. 


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क्या है पूरा मामला
साल 2018 में अशोकनगर विधानसभा चुनाव में जजपाल सिंह जज्जी से हारे भाजपा नेता लड्डू राम कोरी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जज्जी के जाति प्रमाण पत्र की वैधता को चुनौती दी थी. लड्डूराम कोरी का आरोप था कि कीर जाति को पंजाब में अनुसूचित जाति के तौर पर आरक्षण मिलता है लेकिन मध्य प्रदेश में इस जाति को अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है. चुनाव आयोग के अधिवक्ता संगम जैन ने लड्डू राम कोरी की याचिका के साथ ही जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को भी संलग्न किया था. जजपाल सिंह जज्जी ने इसी जाति प्रमाण पत्र को लगाकर अशोकनगर की सुरक्षित सीट से चुनाव जीता था. 


गौरतलब है कि जजपाल सिंह जज्जी ने 2018 विधानसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था लेकिन बाद में वह सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद उपचुनाव में भी जजपाल सिंह जज्जी ने इसी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा था. इस बीच हाईकोर्ट में याचिका लंबित रही. अब हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जजपाल सिंह जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है. साथ ही जज्जी पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.


अधिवक्ता संगम जैन ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने वाले जज्जी का चुनाव अब स्वतः शून्य घोषित हो गया है.