Scindia Family Gyanvapi Connection: प्रियांशु यादव/ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा दावा किया है. सिंधिया ने ज्ञानवापी से अपने जुड़ाव बताते हुए कहा है कि विदेशी आक्रमण से ज्ञानवापी का संरक्षण सिंधिया परिवार की महारानी बैजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर किया था. सिंधिया ने ये दावा ग्वालियर प्रवास के दौरान रविवार को फूलबाग के समीप आयोजित रामलीला समारोह में किया है.


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पीएम मोदी का किया जिक्र
रामलीला के मंच से उपस्थित जन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि काशी और ग्वालियर का भी रिश्ता है. काशी के कई घाट सिंधिया परिवार के शासकों ने बनवाए हैं.


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सिंधिया परिवार ने किया ज्ञानवापी का संरक्षण
सिंधिया ने आगे कहा कि सिर्फ घाट ही नहीं सिंधिया परिवार ने कई मंदिरों को भी संरक्षण किया. जब विदेशी आक्रमणकारी हमारे देश में आए थे. तब महादाजी सिंधिया ने काशी के कई मंदिरों का संरक्षण किया था और महारानी बाईजा बाई ने मालवा साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के साथ मिलकर ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग का संरक्षण करके दोबारा काशी में स्थापित किया था.


नवरात्र हिंदू धर्म के लिए अहम
सिंधिया ने अपने संबोधन में नवरात्र में अष्टमी को हिन्दू राष्ट्र का बहुत बड़ा दिवस बताया. उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ हिन्दू राष्ट्र के लिए ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व में हिंदू धर्म से जुड़े इंडोनेशिया से लेकर लंका तक और कंबोडिया से लेकर थाईलैंड तक सभी के लिए अहम दिन है. जो हमारे मूल्य और सिद्धांतों के साथ जुड़ा है.


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पत्नी और बेटे के साथ की आरती
इससे पहले सिंधिया ने पत्नी प्रियदर्शनी राजे और सुपुत्र महा आर्यमन के साथ राम दरबार की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी. इस मौके पर सिंधिया ने रामलीला में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का किरदार निभा रहे कलाकारों की भी पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की. साथ ही रामलीला का आनंद लिया.


सिंधिया परिवार ने शुरू की थी परंपरा
बता दें ग्वालियर में रामलीला के मंचन की शुरुआत सिंधिया परिवार ने की थी जो निरन्तर जारी है. हर साल भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिंधिया परिवार का मुखिया विशेष रूप से उपस्थित रहता है और पूजा अर्चना करता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में रामलीला समिति लश्कर के आयोजनकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे.


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