Kajari Teej Vrat 2022: भादौ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज के नाम से जानते हैं. इस दिन सुहगिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि में वृद्धि के लिए कजरी तीज का व्रत रखती है. इस दिन महिलाएं मां पार्वती के साथ भगवान शिव की पूजा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि जो कुंवारी लड़कियां भादौ माह में पड़ने वाले कजरी तीज का व्रत रखकर विधि विधान से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं, उन्हें मन के मुताबिक वर की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कब है कजरी तीज का व्रत और कैसे करें पूजा.


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कजरी तीज शुभ मुहूर्त
भादौ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 13 अगस्त की रात 12 बजकर 53 मिनट से शुरू हो रही है. जो 14 अगस्त की रात 10 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. इसलिए कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त को रखा जाएगा. 


कजरी तीज पूजा विधि
जो महिलाएं और कुआरी कन्याएं कजरी तीज का व्रत रखना चाहती हैं, वे सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद पूजा घर में मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद शिव-पार्वती का श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा करें. इस दिन सुहागिन स्त्रियां मां गौरी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. अब आप धूप और दीप जलाकर शिव जी और मां पार्वती की आरती करें.


जानिए कैसे रखा जाता है कजरी तीज का व्रत
कजरी तीज के व्रत में महिलाएं और कुआरी कन्याएं अपने सहेलियों के साथ झूले झूलती हैं और कजरी के गीत गाकर नृत्य करती हैं. कजरी तीज का व्रत इसी दिन चंद्रोदय होने के बाद खोला जाता है. इस व्रत का पारण करने के लिए महिलाएं तरह-तरह के पकवान बनाती हैं.


गाय की करें पूजा
धार्मिक मान्यता अनुसार कजरी तीज के दिन गाय का पूजा करना बहुत फलदायी होता है. मान्यता है कि जो लोग कजरी तीज के दिन गाय की सेवा करते हैं और उन्हें हरा चारा खिलाते हैं उनके जीवन में हमेशा खुशहाली बरकरार रहती है.


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)