छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में भी होने वाली है हलचल? कमलनाथ का बयान बढ़ा ना दें BJP की टेंशन
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं. ऐसे में अभी से दल बदल का खेल शुरू हो चुका है. एक तरफ छत्तीसगढ़ में सभी को चौंकाते हुए पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी छोड़, कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
आकाश द्विवेदी/भोपाल: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं. ऐसे में अभी से दल बदल का खेल शुरू हो चुका है. एक तरफ छत्तीसगढ़ में सभी को चौंकाते हुए पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी छोड़, कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. तो वहीं इसका असर एमपी तक में देखा जाने लगा है. बीजेपी से नंदकुमार के इस्तीफे को लेकर एमपी के पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है.
ये सिर्फ ट्रेलर है - कमलनाथ
छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता नंदकुमार साय के बीजेपी में शामिल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि ये तो बस मध्यप्रदेश के लिए ट्रेलर, देखते जाइए आगे क्या क्या होता है. बीजेपी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के कयासों के बीच कमलनाथ ने ये बड़ा दावा किया है. गौरतलब है कि कमलनाथ पहले ही कई बीजेपी नेताओं के अपने संपर्क में होने का दावा कर चुके हैं. वहीं उनका ये बयान भी उसी ओर इशारा कर रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि कोई कौन सा बड़ा नेता दल बदली करता है.
थके हुए नेता की आवश्यकता नहीं
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मप्र कांग्रेस के जिला संगठन मंत्रियों की बैठक में कमलनाथ ने कहा कि कार्यकर्ताओं से मेरा संबंध है. कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है. थके हुए नेताओं की आवश्यकता नहीं है.
छत्तीसगढ़ बीजेपी दिग्गज नेता कांग्रेस में शामिल
बता दें कि छत्तीसगढ़ से पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय (nandkumar sai join congress) ने बीजेपी छोड़ दी है. उन्होंने प्राथमिक सदस्यता पद से इस्तीफा दे दिया है. नंदकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी है. अब इसके बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी में खलबली मच गई है. वहीं सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
MP चुनाव में भी पड़ेगा असर
बताया जा रहा है कि साय का BJP को छोड़कर कांग्रेस में जाना न सिर्फ छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव बल्कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी गहरा असर दिखाएगा. दरअसल, साय तीन साल तक अविभाजित मध्य प्रदेश के BJP प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. साल 2006 में छत्तीसगढ़ के गठन से पहले वह मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं. यहां तक की PM नरेंद्र मोदी के भी वह करीबी बताए जाते हैं. अब ऐसे में देखना होगा कि साय का असर एमपी की राजनीति में कितना गहरा छाप छोड़ती है. ये देखने वाली बात होगी.