प्रिया पाण्डेय/भोपाल: नर्मदा भारत की लंबी नदियों में से एक है.ये पश्चिम दिशा में बहने वाली सबसे लंबी नदी है. ये मध्य प्रदेश के अमरकंटक पठार से निकलती है. नर्मदा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में बहती है. इस नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है. इसे दक्षिण भारत और उत्तर भारत की पारंपरिक विभाजक रेखा माना जाता है. जबलपुर शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है, जहां भेड़ाघाट में धुआंधार जल प्रपात और संगमरमर के पठार की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है . 


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इसे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा माना जाता है. परंतु इस नदी के किनारे अवैध उत्खननों की घटनाओं ने नदी के जलस्तर को लगातार हानि पहुंचा रही है, जिससे इस नदी के आस पास के क्षेत्रों में समस्या आती रहती है. बड़वानी, पिछोड़ी, छोटा बड़दा ठीकरी आदि क्षेत्रों में बेख़ौफ़ खुदाई जारी है. प्रशासन की नाक के नीचे लगातार ये घटनाएं होती रही है और सरकारें  इसे रोकने में असफल रही है.


कमलनाथ बनाएंगे नर्मदा सेना
इसी परिप्रेक्ष में राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा बड़ा ऐलान किया गया है. जिसमें उन्होंने नर्मदा सेना बनाने का वादा किया है. उनका कहना है कि, जहां जहां से नर्मदा गुजरती है उन 28 जगहों पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे. इस एवज़ में उन्होंने शिवराज सिंह पर भी निशाना साधाते हुए कहा कि, सरकार इस अवैध खनन को रोकने में नाकाम रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो इस सेना का हिस्सा बनाना चाहते है तो उनका स्वागत है. उनका कहना है कि ये सेना पूर्ण रूप से ग़ैर राजनीतिक है तो कोई भी इसमें शामिल हो सकता है.


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गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा था कि, भाजपा सरकार ने आज प्रदेश को घोटाला प्रदेश बनाकर रख दिया है. महाकाल लोक के निर्माण कार्य में घोटाला किया. भ्रष्टाचार करने में धर्म को भी नहीं छोड़ा. इस खोखली सरकार ने भगवान की मूर्तियां तक खोखली बनाई.