आकाश द्विवेदी/भोपाल। राजस्थान में चल रहा सियासी संकट दिल्ली तक पहुंच चुका है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दिल्ली पहुंच सकते हैं, जबकि सचिन पायलट दिल्ली में हैं, तो वहीं इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की भी एंट्री हो चुकी है. उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. वहीं अब कमलनाथ ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी बात की है. जिससे इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या राजस्थान की सियासी उलझन कमलनाथ के दखल के बाद सुलझ जाएगी.


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दरअसल, राजस्थान में शुरू हुए सियासी विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को दिल्ली बुलाया, जहां कमलनाथ ने दिल्ली पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. जिससे इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि कही कांग्रेस कमलनाथ को तो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी तो नहीं सौपने जा रही है. हालांकि कमलनाथ ने इस बात को सिरे से नकार दिया. जबकि उन्होंने पूरे मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की. 


कुछ लोगों को शोकाज नोटिस दिया गया है: कमलनाथ 
कमलनाथ ने कहा कि ''उन्होंने अशोक गहलोत से बात की थी, राजस्थान में जिन लोगों ने यह व्यवहार किया है, उन्हें शोकाज नोटिस दिया गया है, इन सभी से 10 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. इन विधायकों में शांति धारीवाल, महेश जोशी औरर विधायक धर्मेंद्र राठौड़ शामिल हैं, कमलनाथ का कहना है कि अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले से खुद को दूर बताया है. उनका कहना है कि राजस्थान में जो कुछ हुआ वह उन्होंने नहीं करवाया है.'' ऐसे में अब इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या राजस्थानी सियासत की उलझन को कमलनाथ पूरी तरह से सुलझा पाएंगे या इस पूरे मामले में अभी और भी मोड़ देखने बाकि है. 


सोनिया गांधी से मिल सकते हैं गहलोत 
इस बीच खबर निकलकर सामने आई है कि आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच सकते हैं, जहां उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हो सकती है. वहीं सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में हैं. हालांकि सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि क्या अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर सकते हैं अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर मुख्यमंत्री का पद छोड़ेंगे या नहीं. 


मैं मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा: कमलनाथ 
कमलनाथ ने भले ही पूरे मामले में अशोक गहलोत से बात की है, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद एक बात स्पष्ट कर दी है कि वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं लेंगे. कमलनाथ ने कहा कि ''मैं मध्यप्रदेश नहीं छोडूंगा, क्योंकि अब एमपी के चुनाव में 12 महीने बचे हैं, ऐसे में मेरा ध्यान मध्य प्रदेश से हट जाएगा, लेकिन मध्य प्रदेश से मैं अपना ध्यान नहीं मोड़ना चाहता. क्योंकि आगे गुजरात और हिमाचल में चुनाव होंगे, इसलिए हर प्रदेश की चुनावी रणनीति मैं नहीं बना सकता. फिलहाल मेरा पूरा ध्यान मध्य प्रदेश पर है.''


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