प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव में जीत के लिए अपने संगठन को मजबूत करने की योजना बनाई है. इसके लिए कांग्रेस ने मंडल और सेक्टर स्तर पर नियुक्तियां की हैं, ताकि जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत की जा सके. हालांकि कांग्रेस के इस प्लान को उनकी ही पार्टी के नेता पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. दरअसल ऐसी खबरें आ रही हैं कि मंडलम और सेक्टर में कई फर्जी नेताओं की नियुक्ति की गई है. 


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प्रदेश कांग्रेस कमेटी नाराज
दरअसल मंडलम, सेक्टर में नियुक्त नेताओं से कांग्रेस पार्टी का संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी और पार्टी अध्यक्ष कमलनाथ नाराज हैं. अब कांग्रेस कमेटी फर्जी नियुक्तियों को हटाने में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में इन मंडलम और सेक्टर नेताओं के भरोसे सत्ता में वापसी की योजना बनाई थी. अब पार्टी की इस योजना में बड़ी चूक नजर आ रही है. कई जिलों में फर्जी नेताओं को मंडलम और सेक्टर बनाए जाने की खबरें आ रही हैं, जिनसे पार्टी संपर्क ही नहीं कर पा रही है. पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर इन नेताओं से संपर्क ही नहीं होगा तो ये सेक्टर, मंडलम किस काम के हैं?


बता दें कि संगठन को धार देने के लिए कमलनाथ ने हर विधानसभा सीट में 25 से 30 मंडलम और 60-70 सेक्टर बनाए जाने के निर्देश दिए थे. कांग्रेस ने साल 2018 में राज्य में मंडलम और सेक्टर की व्यवस्था लागू की थी. ब्लॉक अध्यक्ष के नीचे मंडलम और मंडलम के नीचे सेक्टर गठित किए गए थे. मंडलम और सेक्टर स्तर तक पदाधिकारी भी बनाए गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका फायदा भी मिला था और पार्टी ने सत्ता में वापसी की. अब पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में भी इन पर फोकस कर रही है लेकिन इन पदों पर फर्जी और निष्क्रिय नेताओं की नियुक्तियों ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है.