कमलनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट नहीं चढ़ सका परवान ? एक साल बाद भी कुनबा अधूरा
MP Baal Congress: 14 नवंबर 2021 में बाल कांग्रेस का गठन हुआ था और एक साल में बाल कांग्रेस के साथ 25 हजार युवाओं को जोड़ने की योजना बनाई गई थी.
प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने साथ युवाओं को जोड़ने के लिए बाल कांग्रेस का गठन किया था. कांग्रेस पार्टी की योजना बाल कांग्रेस के जरिए पार्टी की अगली पीढ़ी तैयार करने की है. हालांकि पार्टी की यह कोशिश परवान चढ़ती नहीं दिख रही है. दरअसल गठन का एक साल पूरा होने के बाद भी बाल कांग्रेस का कुनबा अभी तक पूरा नहीं हो सका है. बाल कांग्रेस के गठन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा था और कहा था कि अगर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे टीचर रहेंगे तो कोई भी एडमिशन नहीं लेगा. अब नरोत्तम मिश्रा की यह बात सही साबित होती दिख रही है कि गठन के एक साल बाद भी बाल कांग्रेस अपना लक्ष्य नहीं पा सकी है.
बता दें कि 14 नवंबर 2021 में बाल कांग्रेस का गठन हुआ था और एक साल में बाल कांग्रेस के साथ 25 हजार युवाओं को जोड़ने की योजना बनाई गई थी. हालांकि एक साल बाद भी बाल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 15 हजार के आसपास ही पहुंच सकी है. इतना ही नहीं बाल कांग्रेस अभी तक हर विधानसभा में अपना कैप्टन भी नियुक्त नहीं कर पाई है. अब इस अभियान में तेजी लाने के लिए बाल कांग्रेस का आज नव संकल्प है और इस अभियान को कमलनाथ संबोधित करेंगे.
प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 126 में ही अभी तक बाल कांग्रेस कैप्टन की नियुक्ति हो सकी है. बाल कांग्रेस के प्रदेश कैप्टन लक्ष्य गुप्ता का कहना है कि जल्द ही लक्ष्य को हम पूरा करेंगे. साथ ही 2023 विधानसभा चुनाव से पहले हर विधानसभा में कैप्टन की तैनाती कर दी जाएगी.
बता दें कि बाल कांग्रेस में 16-20 साल के युवाओं को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने का प्लान है. साथ ही युवाओं को देश के विकास में कांग्रेस के योगदान, गांधी परिवार के इतिहास के बारे में जानकारी देना भी बाल कांग्रेस का उद्देश्य है. प्रदेश के हर जिले और विधानसभा में बाल कांग्रेस के संगठन का विस्तार करने की योजना है. हालांकि अभी कांग्रेस की इस पहल को आशा के अनुरूप समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है.