विमलेश मिश्रा/मण्डला: लगातार बढ़ रहे पारे और गर्मी के चलते जहां गांव, कस्बों और शहरों में आग लगने की घटनाएं होती है, तो वहीं जंगलों में भी आग का खतरा बना रहता है. यही वजह है कि दुनिया मे विख्यात कान्हा नेशनल पार्क में आग से बचाव के खास इंतजाम किए जाते है. जंगल मे आग से बचाव के लिए पार्क प्रबंधन सहित सैकड़ों कर्मचारी तैनात होते हैं. जो जंगल में कैंप कर दिन-रात जंगल को आग से बचाते है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जंगल मे आग न लगे, आग से जंगल कैसे बचाये जाएं देखिए इस रिपोर्ट में..


गौरतलब है कि दिनों दिन बढ़ता तापमान और पतझड़ का मौसम जंगलों में आग लगने का बड़ा कारण होता है. खासतौर पर बांस के पेड़ जंगल मे आग लगने का बड़ा कारण होते है. क्योंकि हवा के साथ ये टकराते हैं जिससे चिंगारी निकलती है. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जहां साल के विशाल पेड़ों ओर मिश्रित वनों से आच्छादित है. वहीं भारी मात्रा में यहां बांस के जंगल है. यही कारण है कि यहां आये दिन आग का खतरा बना रहता है. इस लिहाज से गर्मी के चार माह पार्क प्रबंधन के लिए कठिन ओर चुनौती भरे होते है. यही वजह है कि प्रबंधन इन दिनों मैनुअली और मशीनों दोनों के माध्यम से जंगल को आग से बचाने पूरी मुस्तैदी से लगा रहता है. सैकड़ों श्रमिक ओर अधिकारी-कर्मचारी जंगल मे कैंप कर निगरानी रखते है.


Notice to BJP leaders: छत्तीसगढ़ बीजेपी की मुश्किल बढ़ी! 8 नेताओं के पास केवल 2 दिन का वक्त; जारी हुआ नोटिस


कभी नहीं लगी आग
करीब 950 एस्क्वायर किलोमीटर में फैले कान्हा नेशनल पार्क में आग न लगे इसके लिए फायर कैंप व सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जाती है. तो दूसरे तरफ रेंज अफसर, बीट गार्ड ओर मैदानी कर्मचारी हमेशा तैनात होते  है. जंगल के चप्पे-चप्पे पर कर्मचारियों की तैनाती होती तो दूसरी तरफ प्रबंधन के आला अफसर भी हमेशा चाक-चौबंद रहते है. यही कारण है कि अब तक कान्हा नेशनल पार्क में आगजनी की कोई बड़ी घटना अब तक सामने नहीं आई है.


वैसे तो कान्हा नेशनल पार्क के कोर एरिया में आम आदमी का प्रवेश नहीं होता है. जिससे कृत्रिम आग का खतरा कम होता है लेकिन जंगल मे बांस के पेड़ों की अधिकता होने से प्राकृतिक आग का खतरा हमेशा बना होता है. इस खतरे से निपटने प्रबंधन हमेशा मुस्तैद रहता है. यही वजह है कि जंगल आग से बचे है.