MP News: कान्हा टाइगर रिजर्व के प्रोजेक्ट `बारहसिंघा` का कमाल, अब अन्य पार्क भेज रहे लुप्तप्राय जानवर
Madhya Pradehs News: कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला से आज 3 नर और 8 मादा सहित कुल 11 बारहसिंघों को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व रवाना किया गया है. प्रोजेक्ट बारहसिंघा के कारण ये जानवर विलुप्ति की कगार से वापस आ पाया है.
MP News: मंडला। मध्य प्रदेश हमेशा से ही जंगल और जानवरों को लेकर काम होता रहा है. इसी कारण प्रदेश में विभिन्न प्रकार के जानवर बड़ी संख्या में है. राज्य के नामपर तेंदुआ, बाघ, घड़ियाल आदि प्रदेश के नाम का तमगा हासिल है. इस दिशा में राज्य के पार्क भी काम कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही किया है मंडला जिले में आने वाले कान्हा टाइगर रिजर्व ने, जो बारहसिंघों की संख्या को बढ़ा रहा है और इन्हें प्रदेश के अन्य पार्कों में भेज रहा है.
बांधवगढ़ भेजे गए बारहसिंघा
कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला से आज 3 नर और 8 मादा सहित कुल 11 बारहसिंघों को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व रवाना किया गया है. मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व में हुई पहले से प्रोजेक्ट बारहसिंघा के कारण ये जानवर विलुप्ति की कगार से वापस आ पाया है और उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश के अन्य पार्कों में इनकी संख्या बढ़ाने का काम हो रहा है.
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कहां से किया गया है कैपचर
कान्हा टाइगर रिजर्व से आज 3 नर और 8 मादा सहित कुल 11 बारासिंघो को टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ रवाना किया गया. इन सभी बारहसिंघों को पार्क के सरही परिक्षेत्र के रौंदा बीट से कैपचर किया गया और एक विशेष वाहन में बांधवगढ़ भेजा गया है.
विलुप्ति की कगार पर थे
बारहसिंघा मध्यप्रदेश का राज्य पशु है और एक जमाना था कि यह दुनिया में विलुप्ति की कगार पर था. परंतु कान्हा टाइगर रिजर्व के प्रयासों से इनकी संख्या में वृद्धि संभव हो सकी जिनके ट्रांसलोकेशन का काम विभिन्न चरणों मे किया जा रहा है. इन्हें कान्हा टाइगर रिजर्व से देश के विभिन्न उद्यानों में भेजे जा रहे है.
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फील्ड डायरेक्टर ने बताया कारण
कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर के अनुसार एक समय विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी इस प्रजाति को इसलिए देश के विभिन्न पार्कों में आबाद किया जा रहा है कि किसी बीमारी आदि की वजह से इनके अस्तित्व पर संकट न आए. ये देश के विभिन्न पार्कों में रहेंगे तो इस दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित रखा जा सके.
कई पार्कों में भेजे गए हैं
आज बांधवगढ़ भेजे गए 11 बारहसिंघों के अलावा इसके पहले भी कुछ बारहसिंघा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और वन बिहार भी भेजे गए है. अब तक कान्हा टाइगर रिजर्व से करीब 200 बारासिंघा शिफ्टिंग ऑपरेशन के तहत विभिन्न पार्कों में भेजे जा चुके हैं.