Kartik Month Tulsi Puja Vidhi 2022: कार्तिक माह की शुरुआत हो गई है. इस महीने तुलसी जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी जी बहुत प्रिय हैं. इसलिए उन्होंने शालीग्राम  स्वरूप में तुलसी जी से अपना विवाह कार्तिक माह की एकादशी के दिन किया था. कार्तिक माह के शुरुआत होते तुलसी जी की पूजा शुरू कर दी जाती है. आइए जानते हैं कार्तिक माह में कैसे करें तुलसी जी की पूजा और किन बातों का रखें ध्यान?


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तुलसी पूजा विधि
कार्तिक माह में हर रोज ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद जल चढ़ाएं. जल चढ़ाते वक्त "महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी. आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते.." मंत्र का जप करें. यदि संभव हो तो जल के साथ गाय का कच्चा दुध भी अर्पित करें. तुलसी के पेड़ में कार्तिक माह के दौरान प्रतिदिन शाम को घी का दीपक जलाएं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से तुलसी की पूजा करते हैं, उन पर मां लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है.


कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में कार्तिक का माह का बहुत महत्व होता है. जिस तरह सावन माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव पार्वती की पूजा की जाती है. ठीक उसी तरह कार्तिक माह में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए विष्णु जी के साथ तुलसी जी की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग कार्तिक माह में तुलसी जी की नियमित पूजा करते हैं उनके जीवन में सुख-सौभाग्य की समृद्धि होती है.


तुलसी पूजा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
यदि आप कार्तिक माह में नियमित सुबह-शाम तुलसी जी की पूजा करते हैं तो इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित न करें और न तो जल चढ़ाएं. कार्तिक माह के दौरान भूलकर भी तुलसी जी का पत्ता न तोड़े. आप भोग लगाने के लिए तुलसी के पुराने या नीचे गिरे हुए पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं.


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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और धार्मिक जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)