खंडवा: भारी बारिश से नर्मदा नदी में आई बाढ़ के कारण खंडवा (Khandwa) को इंदौर से जोड़ने वाले वाला मोरटक्का ब्रिज (Morttaka Bridge) आवागमन के लिए पिछले 4 दिनों से बंद है. भारी वाहनों को देशगांव-खरगोन के रास्ते निकल जा रहा है जबकि छोटे वाहन एक्वाडक्ट के रास्ते इंदौर पहुंच रहे हैं. भारी बारिश और बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा नदी में आई बाढ़ के कारण शनिवार रात ब्रिज पर लगभग 10 फीट ऊपर से पानी बह रहा था. इसी बाढ़ के कारण रेलिंग भी टूट गई और ब्रिज का डामर जगह जगह से उखड़ गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि नर्मदा नदी का पानी उतरने के बाद ब्रिज की हालत को देखते हुए इसपर आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम इस ब्रिज का निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को देगी, उसी के बाद इस ब्रिज से आवागमन शुरू हो पाएगा.


ब्रिज की रेलिंग टूटी
शनिवार और रविवार पूरे मध्य प्रदेश सहित खंडवा जिले में भी भारी बारिश हुई थी. नर्मदा नदी में भारी मात्रा में पानी आने के कारण पहले इंदिरा सागर और फिर ओंकारेश्वर सागर बांध से पानी छोड़ा गया. इसी पानी की वजह से नर्मदा नदी पर मोरटक्का में बना ब्रिज डूब गया था. लगभग 12 घंटे इस ब्रिज के ऊपर से पानी बहता रहा. जब नर्मदा नदी का पानी उतरा तब ब्रिज की बर्बादी के निशान सामने आए. ब्रिज पर लगी लोहे की रेलिंग टूट कर बह गई और डामर की ऊपरी परत जगह-जगह से उखड़ गई. ब्रिज पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए.


Khandwa News: ओंकारेश्वर में इस गलती से आ गई भारी बाढ़, पीड़ितों ने CM शिवराज पर लगाए आरोप, हम इस वजह से हुए बर्बाद


हालांकि जिला प्रशासन ने एहतियात बतौर पहले ही इस ब्रिज से आवागमन बंद कर दिया था. पानी उतरने के बाद जब इसकी हालत बिगड़ी हुई पाई गई तब इसे आवागमन के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया. चार दिन बाद भी इस ब्रिज से आवागमन शुरू नहीं किया गया. जिला कलेक्टर का कहना हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीम इस ब्रिज का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट देगी उसी के बाद ही इसे आवागमन के लिए खोला जाएगा.


60 साल पुराना ब्रिज
खंडवा-इंदौर को जोड़ने वाला नर्मदा नदी पर बना यह ब्रिज लगभग 60 साल पुराना है. खंडवा बुरहानपुर के रास्ते महाराष्ट्र को जोड़ने वाला यह महत्वपूर्ण ब्रिज है. यह ब्रिज 900 मीटर लंबा है. बाढ़ के पानी में इसकी ऊपरी सतह तो पूरी तरह उखड़ गई, जो दिखाई दे रही है. लेकिन इसके पिलर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ((National Highways Authority of India) के इंजीनियरों की टीम इसके सभी पिलरों की मजबूती की जांच करेगी उसी के बाद ही इस ब्रिज से आवागमन शुरू हो पाएगा.


रिपोर्ट - प्रमोद सिन्हा