Khandwa Nagar Nigam Result: कांग्रेस की करारी हार, बीजेपी की अमृता यादव 19 हजार 765 वोट से जीतीं
khandwa Nikay chunav result 2022: खंडवा में लगातार पांचवीं बार नगर निगम में महापौर के साथ ही पूर्ण बहुमत वाली परिषद बनी है. नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी अमृता अमर यादव 19772 मतों से जीत दर्ज की है.
प्रमोद सिन्हा/खंडवा: खंडवा में लगातार पांचवीं बार नगर निगम में महापौर के साथ ही पूर्ण बहुमत वाली परिषद बनी है. नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी अमृता अमर यादव 19772 मतों से जीत दर्ज की है. इसके साथ ही नगर निगम के 50 वार्ड में से भाजपा के 29 पार्षद जीते हैं. कांग्रेस के 13 पार्षद, सात निर्दलीय और एक पार्षद एआईएम ई एम का जीता है. पांचवी बार नगर निगम पर कब्जा करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने विजय जुलूस निकाला.
खंडवा नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं विपरीत कमलनाथ और कांग्रेस का संगठन जीतोड़ मेहनत कर रहा था लेकिन उसके बावजूद परिणाम भाजपा के पक्ष में गया. वार्डों में भी भारतीय जनता पार्टी में बहुमत हासिल किया. भाजपा के 29 पार्षद जीते हैं. इसमें कई उलटफेर भी हुए. कई पुराने वरिष्ठ लगातार जीतते आ रहे पार्षदों को हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के 3 पार्षद निर्दलीय बन कर जीते हैं. एआईएमआईएम ने भी 11 वार्डों में पार्षद खड़े किए थे. जिसके से 1 में उसकी जीत दर्ज की गई. आम आदमी पार्टी को निगम चुनाव में मतदाताओं ने नकार दिया. उसकी महापौर प्रत्याशी को भी ज्यादा मत नहीं मिले जबकि 13 वार्ड पार्षदों में से एक भी नहीं जीता.
बता दें कि नवनिर्वाचित महापौर ने कहा कि हमें विश्वास था कि हम प्रचंड बहुमत से जीतेंगे. यह जीत शिवराज सिंह चौहान के विकास कार्यों की जीत है. जनता कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में सभी ने उनका काम देखा था और शिवराज जी के काम को भी देखा. उसी को देखते हुए यह नतीजे स्पष्ट हुए है. इस बार युवा पार्षद भी बड़ी मात्रा में जीते हैं. यह युवा पार्षद नगर निगम में शहर विकास को लेकर अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं.
किसको कितने वोट मिले
मेयर पार्टी कितने वोट मिले
अमृता यादव बीजेपी 51,916
आशा मिश्रा कांग्रेस 32,152
वंदना सोनी आप 1994
कनीज बी एआईएमआईएम 9601
एआईएमआईएम का खुला खाता
निगम चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी एआईएमआई का भी एक पार्षद जीत कर आया है. एआईएमआईएम का कहना है कि मुसलमान अब कांग्रेस के मोहताज नहीं है. कांग्रेस पार्टी में मुसलमानों का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया लेकिन अब वह जागरूक हो गए हैं और अपना प्रतिनिधित्व करना खूब जानते हैं. वह अब अपने वार्ड का विकास पूरी जिम्मेदारी के साथ करेंगे.