प्रमोद सिन्हा/खंडवा:जिले में गुरु-शिष्य की परंपरा के अनुपम उदाहरण अवधूत संत दादाजी (Avadhoot Sant Dadaji) धूनीवाले के मंदिर निर्माण को लेकर भक्त दो पक्षों में बंट गए हैं.यहां एक पक्ष 84 खंभों के संगमरमर के मंदिर का निर्माण करना चाहता है तो दूसरा पक्ष मंदिर ट्रस्ट यहां 108 खंभों के लाल पत्थर से मंदिर बनाना चाहता है.इसीलिए एक राय नहीं बन पा रही है.आज भक्तों के एक पक्ष ने शिलाओं का पूजन कर शहर में संकीर्तन यात्रा निकाली.


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ट्रस्ट ने शिलाओं को लेने से कर दिया मना  
बता दें कि एक पक्ष के लोग शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यह शिलाएं दादाजी धाम में सौंपने पहुंचे,लेकिन ट्रस्ट ने इन शिलाओं को लेने से मना कर दिया.विवाद बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इन संगमरमर की शिलाओं को अपने संरक्षण में रख लिया है और आपसी सामंजस्य से विवाद सुलझाने की बात कही है.


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मंदिर निर्माण को लेकर ये है विवाद
दादाजी मंदिर निर्माण को लेकर रामेश्वर दयाल उर्फ छोटे सरकार समर्थक और श्री धूनीवाला आश्रम पब्लिक ट्रस्ट (Shree Dhuniwala Ashram Public Trust) आमने-सामने हैं.छोटे सरकार के अनुयायी मंदिर निर्माण को लेकर रुख स्पष्ट कर चुके हैं कि 84 खंभे का संगमरमर का मंदिर बनवाने के लिए 92 ट्रक मार्बल कई वर्षों से रखा हुआ है, लेकिन,ट्रस्ट इसे लेने से इनकार कर रहा है.उधर, ट्रस्ट ने 108 खम्भों के बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से मंदिर निर्माण का मॉडल तैयार किया है.दो अलग-अलग मॉडल होने से ही टकराव की स्थिति बनी है. शहर के अधिकांश लोग चाहते हैं कि जो संगमरमर का पत्थर उपलब्ध है उसी से मंदिर निर्माण प्रारंभ करना चाहिए क्योंकि लाल पत्थर की उपलब्धता बहुत कम है.