Khandwa: तीन बहनों ने एक ही पेड़ पर लगा ली फांसी, रहस्यमयी मौत से कांपे लोग
खण्डवा जिले में कोटाघाट गांव में भिलाला आदिवासी परिवार की तीन सगी बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई. आखिर क्या वजह रही कि आखिर तीनों बहनों ने एक साथ फांसी क्यों लगाई? पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है.
प्रमोद सिन्हा/खंडवा: खण्डवा जिले में कोटाघाट गांव में भिलाला आदिवासी परिवार की तीन सगी बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयानों के आधार पर मामला खुदकुशी का लग रहा है. प्रारंभिक जांच में पुलिस को न तो कोई बाहरी हस्तक्षेप के सबूत मिले और ना ही कोई सुसाइड नोट मिला है. परिजनों ने भी किसी भी तरह के विवाद या बाहरी हस्तक्षेप की बात नहीं कही. अब पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी हुई है. 19 से 23 वर्ष के बीच की उम्र की इन तीन बहनो में सबसे बड़ी खण्डवा के कॉलेज से बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थीं.
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दरअसल यह घटना रात को हुई. यहां भिलाला आदिवासी हरलीबाई जामसिंह मुजाल्दे अपने परिवार के साथ रहती है. जिसमे 5 बेटियां और 3 बेटे है. कल रात घर में हरलीबाई उसका बेटा भुरू और उसकी पत्नी, छोटा बेटा रवि (12 वर्ष ) और तीन बेटियां सनू (23 वर्ष ), सावित्री (20 वर्ष ) और ललिता (19 वर्ष ) घर में खाना खाने के बाद सो गई थी. इसके बाद रात में 10 बजे हरलीबाई की नींद खुली तो उसने दूसरे कमरे में जाकर देखा तो तीनो बेटियां गायब थी.
तीनों बहनें एक साथ फांसी पर झूलती दिखीं
हरलीबाई ने बेटे भुरू को उठाया तो देखा कमरे की बाहर से कुण्डी लगी हुई थी और आसपास कहीं कोई नज़र नहीं आ रहा था. वह रात में टोर्च लेकर निकला तो करीब ही एक नीम के पेड़ से तीनों बहनें एक ही रस्सी से गले में फन्दा डालकर लटकी हुई थी. पुलिस को सूचना देने के बाद तीनों शवों को पेड़ से उतारा गया और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए खण्डवा भेजा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी वहीं दृष्टया खुदकुशी का मामला सामने आया है. पुलिस का कहना है कि परिजनों ने भी किसी भी तरह की विवाद या बाहरी हस्तक्षेप से इनकार किया है. पुलिस अब खुदकुशी के कारणों की जांच करेगी.
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घर में नहीं थी कोई दिक्कत फिर क्या वजह?
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि परिवार में कोई विवाद , कोई तकलीफ या परेशानी सामने नहीं आई है. परिवार में बेटियों की शादी की भी कोई समस्या नहीं थी. पूरे परिवार में पांच बेटियां हैं, जिनमें से सबसे बड़ी चम्पा (32 वर्ष ), अनिता (30 वर्ष) और सावित्री ( 20 वर्ष ) की शादी हो चुकी थी. सनू (23 वर्ष ) सावित्री से बड़ी थी लेकिन वह पढ़ना चाहती थी इसलिए उसने अभी शादी करने का मना किया था. जिसे परिवारजनों ने मान भी लिया था. वह मोटरसाईकल चलाती थी. जो ये बताता है कि लड़कियों पर यहां कोई बंधन भी नहीं था. सनू खण्डवा के एसएन कॉलेज में बीए की छात्र थी. जो यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी. अभी त्यौहार की वजह से वह गांव आयी थी और उसकी छोटी बहन सावित्री भी ससुराल से त्यौहार के लिए ही कुछ दिन पहले घर आई थी. सावित्री के ससुराल वाले भी हैरान है कि यह घटना कैसे हो गई ? इस परिवार का सबसे बड़ा बेटा कालू अपने परिवार के साथ बुरहानपुर जिले में धुलकोट बोरी में खेती करता है. दो बड़ी बहने ससुराल में ही है. इनके पिता जामसिंह की पांच वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है. सनू परिवार में सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी थी इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि वह अपनी परेशानी सुसाइड नोट में लिख सकती थी लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने से यह गुत्थी और उलझ गई है.