नई दिल्ली: केंद्र सरकार कृषि ड्रोन योजना ( kisan drone yojana ) चला रही है, जिसके तहत किसानों को कृषि ड्रोन खरीदने पर सरकारी सहायता ( Subsidy On Drones ) मिलती है. इसके लिए मोदी सरकार खेती में ड्रोन तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए उनकी खरीद पर किसानों को 100% तक या अधिकतम 5 लाख की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है. सरकार की मंशा है कि इसके जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जा सके.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किसे मिलेगा कितनी सब्सिडी ( Kisan Drone Subsidy Scheme )
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक ट्वीट कर बताया कि सरकार एससी-एसटी, छोटे और सीमांत, महिलाओं और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 50% या अधिकतम 5 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है. इसके साथ ही अन्य किसानों के लिए 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी.


किसान ड्रोन की खरीद के लिये कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान, आईसीएआर (ICAR) संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को इस तकनीक के प्रसार-प्रचार के लिये 100% तक सब्सिडी का लाभ दिया जायेगा.


मुफ्त दिया जा रहा प्रशिक्षण ( Free drone flying training )
कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से  ड्रोन के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वो आसानी से इसका संचालन सके और इसके जरिए किसानों की आर्थिक प्रगति के रास्ते खोले जा सकें.


ड्रोन उड़ाने के लिए शर्तें
जहां हाईटेंशन लाइन या मोबाइल टावर हो, वहां अनुमति जरूरी
ग्रीन जोन के क्षेत्र में दवाई छिड़काव नहीं कर सकेंगे
रहवासी क्षेत्र के आसपास खेत होने पर भी अनुमति जरूरी
खराब मौसम या तेज हवा में नहीं उड़ा सकेंगे


कृषि में ड्रोन के फायदे ( Advantages of Drones in Agriculture )
खेती-किसानी में किसान खाद और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव समय से पूरी फसल पर नहीं कर पाते है, लेकिन अब ड्रोन तकनीक की मदद से खेत में खड़ी फसलों पर यूरिया और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव कम समय में बेहद आसानी से कर पाएंगे. इससे किसानों का समय बचेगा. साथ ही कीटनाशक, दवा और खाद उर्वरक की भी बचत होगी.


ड्रोन के इस्तेमाल से एक एकड़ खेत में कीटनाशक, दवा और खाद उर्वरक का छिड़काव पांच से दस मिनट में किया जा सकता है. इस पर लगे कैमरों के जरिए उन स्थानों पर नजर जा सकती है, जहां किसान आम तौर पर देख नहीं पाता. जैसे खेत के बीच का हिस्सा. वहीं दवा छिड़काव के लिए उन्हें अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.