Mood swings : मूड स्विंग एक ऐसी अवस्था है जहां किसी व्यक्ति का मूड अचानक बदल जाता है. या तो वह बहुत खुश होगा या फिर बहुत दुःखी. यह भी एक कारण है कि डिप्रेशन यानी तनाव कुछ समय से एक बड़ी समस्या बन कर उभरा है. अगर मूड में बदलाव हमारी रोजाना के जीवन को प्रभावित करे, तो यह मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorders)  की तरफ इशारा हो सकता है. ऐसे  में आपको मेडिकल हेल्प लेने की जरुरत पड़ सकती है. लोग अक्सर यह सोचकर चुप रहते हैं या अपनी परेशानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं की लोग क्या कहेंगे. कई लोग इसी वजह से साइकोलोजिस्ट (psychologist) के पास जाने से भी कतराते हैं. 


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क्यों होता है मूड स्विंग
पहले जानिए मूड स्विंग होता क्या है, मूड स्विंग की कोई एक वजह नहीं होती. कई हार्मोनल चेंजेस, वर्क प्रेशर, सामाजिक दबाव, स्ट्रेस , नींद की कमी आदि से होता है. महिलाओं या लड़कियो में मासिक धर्म ( menstruation) से पहले, प्रेगनेंसी के दौरान काफी मूड स्विंग्स होते हैं. क्योंकि इस वक्त उनका शरीर बहुत सारे हार्मोनल चेंजेस से गुजर रहा होता है . लड़कों के लिए हम हमेशा यही कहते है की वे अपने इमोशंस छुपा लेते हैं. ऐसे में उनके मन और दिमाग में क्या चल रहा है यह कोई समझ नहीं पता. मूड डिसॉर्डर में सबसे जरुरी है बातचीत करना और अपनी परेशनियों को व्यक्त करना. ऐसा करने से आप हल्का महसूस करते हैं और आपको डिप्रेशन या सुसाइडल थॉट्स नहीं आएंगे. 


बच्चे हो रहे हैं डिप्रेशन का शिकार 
आज कल बच्चों में डिप्रेशन देखे जाने लगे हैं. ऐसे कई मामले हैं जिसमें वह छोटी छोटी बातों की वजह से अपनी ज़िन्दगी का अंत कर लेते हैं. इसकी एक वजह फिसिकल एक्टिविटी भी है. टेक्नोलॉजी के जमाने में कोई बच्चा घर के बाहर जाकर नहीं खेलता जिसकी वजह से उनका शरीर और दिमाग सुस्त पड़ जाता है. जनरेशन गैप होने के कारण मां बाप और बच्चे के बीच में भी ताल मेल नहीं बैठ पाती. आज की भाग दौड़ की जीवन में यह बहुत जरुरी है की आप अपने बच्चे के साथ बैठकर बात करें और उन्हें सुने. उन्हें यह भरोसा दिलाए की बच्चे आपके जीवन का एहम हिस्सा हैं.  इससे वे गलत संगती में नहीं पड़ेंगे और हर सिचुएशन से आसानी से लड़ पाएंगे. 


कैसे करें अपने मूड डिसॉर्डर को ठीक 


  • मूड स्विंग्स होने से रोका नहीं जा सकता पर आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं. अगर आप किसी से कुछ कहना नहीं चाहते तो आप डायरी में अपनी बातें लिख सकते हैं. 

  • मैडिटेशन करें,  इससे आप काफी अच्छा महसूस करेंगे. 

  • धूम्रपान या अल्कोहल से दूर रहे. 

  • भरपूर नींद लें. नींद पूरी न होने की वजह से भी चिड़चिड़ापन बना रहता है. इसलिए आप अपनी नींद पूरी करें.

  • आप अपनी होबी को फॉलो करें जैसे  सिंगिंग, डांस, स्विमिंग आदि का शौक मूड स्विंग को कंट्रोल कर सकता है.


अगर आपको ज्यादा परेशानी है जैसे की डिप्रेशन या आपको सुसाइडल थॉट्स आते हैं तो आप साइकोलोजिस्ट के पास जा  सकते हैं और अपनी परेशानी बेझिझक उन्हें बता सकते हैं. वे आपसे कुछ एक्टिविटीट्स करवाते हैं जिससे आप अच्छा महसूस करेंगे.