राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका उज्जैनी (ujjain) में आयोजित तीन दिवसीय श्री राम कथा (ram katha) का गुरुवार रात समापन हुआ. कथा प्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) सुना रहे थे. कथा के पहले ही दिन आरएसएस (RSS) पर विवादित टिप्पणी करते हुए सुर्खियों में आए कुमार का विवाद उनके माफी मांगने पर ठंडा ही हुआ था, कि अब समापन के रोज उन्होंने हाल ही में घटित हुई लव जिहाद (love jihad) की एक घटना जिसमें एक बेटी को 35 टुकड़ों में बांट दिया गया था उसे दोहराया.


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कुमार विश्वास ने बेटे बेटियों लेकर उदहारण के तौर पर बोलते नजर आएं. उन्होंने कहा कि लड़कियां प्रेम करें, लड़के प्रेम करें, इसमें क्या गलत बात है. लेकिन कोई बिटिया प्रेम के आवेग में माता पिता की सलाह, बड़ों की समझाइश दरकिनार कर के पैंतीस टुकड़ों में बरामद हो तो ये तो प्रेम का अपमान है. वहीं कुमार ने जनवरी से दिसंबर के कैलेंडर को लेकर कहा हमारा कैलेंडर विक्रम संवत इतिहास को दोहराए ये पीढ़ी.


विस्तार से जानिए क्या कहा कुमार ने
कुमार ने कहा की लड़किया प्रेम करें, लड़के प्रेम करें इसमें क्या गलत बात है. लेकिन कोई बिटिया प्रेम के आवेग में माता पिता की सलाह, बड़ों की समझाइश दरकिनार कर के पैंतीस टुकड़ों में बरामद हो तो ये तो प्रेम का अपमान है. जो हमे सिखा रहे है? की हम प्रेम विरोधी है? पश्चिम वालों ये देश प्रेम का कितना समर्थन करता है. आपने जीवन में ऐसा सोचा हो तो भी मेरे आराध्य भगवन मोहन कन्हैया का एक भी एक भी मंदिर मिले, आपको जो उनके पास में उनकी प्रेमिका राधा रानि खड़ी ना हो. प्रेम के खिलाफ कौन है? हम मर्यादा के समर्थन में हैं? हम इस जलती हुई अग्नि के चारों तरफ होने वाले सात पैरों के साथ सप्तदी के पवित्र बंधन के समर्थन में हैं.


विश्व का कैलेंडर विक्रम संवत हो इतिहास को दोहराए पीढ़ी
अपने-अपने राम श्री राम कथा के समापन पर कुमार ने बाबा महाकाल की भस्म की महिमा बताई, महाकवि कालिदास की रचनाओं पर बोले कबीरपंथी सुनाई, श्रोताओं के लिखित सवालों का जवाब दिया, इस बीच यह भी कहा कि जिस प्रकार राम को लेकर कई गलत कथा षड्यंत्र वश प्रसारित की गई. वैसे ही कृष्ण पर भी मनगढ़ंत बातें प्रसारित की गई. मेरी इच्छा है. पूरा विश्व का कैलेंडर विक्रम संवत से शुरू हो, क्योंकि पहले विक्रम संवत से ही विश्व का कैलेंडर(मार्च से)शुरू होता था. कुमार की एक-एक बात श्रोताओं के मन को सीधी छूती नजर आई और करीब हर दूसरी बात पर पूरा पांडाल तालियों से गुंजायमान होता सुना गया. कुमार बोले 1992 में माधव कॉलेज में कविता पढ़ने आया था. आगे कहा खराब स्वास्थ्य के बीच महाकाल की नगरी में राम कथा का वाचन करने का सामर्थ उज्जैन के श्रोताओं के स्नेह से मिला.


बताया प्रेम का तरीका
दरअसल शहर के कालीदास अकादमी में संस्कृति विभाग की और से विक्रमोत्सक के तहत आयोजित तीन दिवसीय श्री राम कथा का 21 से 23 फरवरी तक आयोजन था. आयोजन में तीनों दिन प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री पारस जैन भाजपा के कई नेता, कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि, शहर के कई खास के साथ बड़ी संख्या में आम जन शामिल हुए. अंतिम दिन श्री राम कथा में कुमार विश्वास देवताओं को सेनापति कैसे मिलें, कैसे कामदेव ने भगवान शंकर को अचानक बसंत उत्सव का माहोल पैदा कर साधना से जगाया, भगवान शंकर का मां पार्वती के साथ विवाह, श्री राम का मां सीता से विवाह हो या राधा का श्री कृष्ण रिश्ता हो. कुमार विश्वास प्रेम का पाठ पढ़ा रहे थे. प्रेम की मर्यादा को केसे पिरो कर रखा जाए. इस पर वक्तव्य सुना रहे थे. इसी बीच उन्होंने हाल ही में घटित हुई 35 टुकड़ों वाली घटना का जिक्र किया और बेटी बेटियों को समझाइश की प्रेम का तरीका ऐसा नहीं जैसा श्री राम, भगवान शंकर, श्री कृष्ण का रहा वैसा है.


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