Kumar Vishwas Ram Katha: कुमार विश्वास सुनाएंगे श्री राम कथा, `अपने-अपने राम` से उज्जयिनी होगी मंत्रमुग्ध!
Kumar Vishwas In Ujjain:आज से 3 दिवसीय राम कथा होगी. डॉ. कुमार विश्वास अपने अंदाज में `अपने अपने राम` अनूठी राम कथा सुनाएंगे. माच शैली में शहीद भगतसिंह का नाटक बीती रात प्रस्तुत हुआ.
राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत (Bharat Utkarsh, Renaissance and Greater India) की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के तहत कोठी रोड स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में नाट्य रंग कार्यक्रम का सोमवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने शुभारंभ किया. पहले दिन माच शैली में ''शहीद भग तसिंह'' नाटक की प्रस्तुति हुई. कलाकारों ने राष्ट्र प्रेम को कला के माध्यम प्रदर्शित किया. 1 घंटे 15 मिनट के इस नाटक में शहीद-ए-आजम भगत सिंह (Shaheed-e-Azam Bhagat Singh) का बचपन में ही क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ना और देश की आजादी की खातिर फांसी के फंदे चुनना बखूबी दर्शाया गया है. यह दृश्य युवाओं को व्यक्तिगत जिंदगी को पीछे रख देश सर्वोपरि की बात को बताता है.मालवी बोली में खेले गए इस नाटक का निर्देशन और लेखन सुंदरलाल मालवीय द्वारा किया गया.
आज से तीन दिवसीय राम कथा सुनाएंगे कुमार विश्वास
विक्रमोत्सव 2023 अंतर्गत ''राम कथा'' कार्यक्रम आज से प्रारंभ हो रहा है. 23 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने कवि, लेखक डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) की प्रस्तुति होगी. ''अपने-अपने राम'' कार्यक्रम में कुमार विश्वास भगवान श्रीराम के जीवन पर केन्द्रित कहानियों को एक अलग अंदाज में प्रस्तुत करेंगे. वे राम और राष्ट्र, आज राम की आवश्यकता, नागरिकों की देश के प्रति जिम्मेदारी और उनके अधिकार जैसे विषयों पर अपनी बात रखेंगे. वे सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने.इस विचार को मंच से प्रमुखता से उठायेंगे. राम कथा कार्यक्रम के दूसरे दिन शंकर के राम और अंतिम दिन राम के शंकर कार्यक्रम होंगे.
नाट्य रंग में आज की प्रस्तुति
विक्रम कीर्ति मंदिर में चल रहे नाट्य रंग कार्यक्रम के दूसरे दिन वासुदेव: सर्वम नृत्यनाटिका की प्रस्तुति भी होगी. यह नाटिका श्रीकृष्ण पर केन्द्रित है. इसकी परिकल्पना एवं लेखन अभिषेक व्यास व कल्पेश वाघ द्वारा की गयी है. संगीत, स्वर एवं वादन श्री अभिषेक व्यास द्वारा किया गया है.