MP News:  बीते दिन मध्य प्रदेश ( (Madhya Pradesh News) ) के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (( Kuno National Park News)) में तेजस नाम के नर चीते की मौत हो गई थी. जिसके बाद लोग पार्क के प्रबंधन पर सवाल खड़ा कर रहे थे. तेजस की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया तो कई सारे खुलासे हुए. रिपोर्ट (Cheetah Tejas Death Report) में दिल फेफड़े से जुड़ी हुई कई बातों का जिक्र किया गया. जिसके बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर चीतों की मौत का जिम्मेदार कौन है? आइए जानते हैं किस वजह से हुई तेजस की मौत.


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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा 
तेजस की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया. जिसके बाद रिपोर्ट आई. रिपोर्ट में के मुताबिक पता चला कि तेजस के शरीर के आंतरिक अंग सामान्य रूप से काम नहीं कर रहे थे. तेजस के फेफड़, दिल, तिल्ली औऱ गुर्दे सामान्य रूप से काम करते नहीं पाए गए थे. इसके अलावा तेजस का वजह महज 43 किलो ग्राम पाया गया. जो सामान्य चीते से बहुत कम था.


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जम गया था खून 
इसके अलावा जांच में पाया गया कि तेजस के हृदय के एरोटा और ओरिकल में चिकन फैट का जमाव के साथ खून भी जम गया था. इसके अलावा चीते के गर्दन पर घाव के गहरे निशान भी थे. ऐसे में कई सारी वजहें तेजस की मौत के बाद सामने आई थी.


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रिकवर होना था मुश्किल 
तेजस की मौत के बाद उसका परीक्षण जबलपुर में चीता परियोजना में तैनात तीन वन्य प्राणी चिकित्सकों के साथ स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ में किया गया. इस दौरान उसका परीक्षण विशेषज्ञ और वन विहार नेशनल पार्क भोपाल के वन्यप्राणी चिकित्सकों ने किया.


परीक्षण के दौरान बताया गया कि तेजस के अंदर से कमजोर होने की वजह से वो हिंसक झड़प में घायल हो गया था. उसका घाव काफी ज्यादा हो गया था. इसके बाद उसकी देख रेख की जा रही थी. लेकिन रिपोर्ट में आया कि भविष्य में तेजस के पूरी तरह रिकवर होने की संभावनाएं कम थी.