नींद की कमी से टूट सकता है महिलाओं का मां बनने का सपना? इसे बिल्कुल भी इग्नोर ना करें
स्टडी में पता चला है कि जो लोग नींद ठीक तरह से नहीं ले पाते हैं, उनमें हार्मोन्स असंतुलन की समस्या हो सकती है. बता दें कि हार्मोन्स एक सिस्टम के तहत एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं.
नई दिल्लीः इंसानी शरीर के लिए नींद की अहमियत बताने की जरूरत नहीं है. नींद दिनभर की थकान के बाद इंसान को रिचार्ज करती है ताकि व्यक्ति अगले दिन फिर से उसी जोश और जुनून के साथ अपने काम कर सके. नींद ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद अहम है. हालांकि आजकल की लाइफस्टाइल के चलते लोगों की नींद की क्वालिटी में गिरावट देखी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में नींद की कमी से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है.इनमें मोटापा, गर्भ धारण करने में परेशानी जैसी समस्याएं होती है. तो हम यहां आपको बता रहे हैं कि महिलाओं में नींद की कमी से क्या क्या परेशानी हो सकती हैं.
महिलाओं को हो सकती है प्रेग्नेंसी संबंधी दिक्कत
ठीक से नींद ना आने की समस्या को इनसोमिनिया कहा जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, नींद और प्रजनन की दिक्कतें साथ-साथ जुड़ी हुई हैं. दरअसल जब हम गहरी नींद में होते हैं तो हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन रिलीज होता है. हमारा दिमाग एक पैटर्न में हमारे शरीर में प्रजनन संबंधी हार्मोन रिलीज करता है, जिसके लिए मेलाटोनिन हार्मोन जरूरी होता है. यही वजह है कि अगर महिलाएं गहरी नींद नहीं ले पाती हैं, उनमें गर्भधारण संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.
हार्मोन्स असंतुलन
स्वस्थ शरीर के लिए हार्मोन्स बेहद अहम हैं. यह हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी हैं लेकिन शरीर में इनका बैलेंस बेहद जरूरी है. अगर इन हार्मोन्स में असंतुलन आया तो यह कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है. स्टडी में पता चला है कि जो लोग नींद ठीक तरह से नहीं ले पाते हैं, उनमें हार्मोन्स असंतुलन की समस्या हो सकती है. बता दें कि हार्मोन्स एक सिस्टम के तहत एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं. अगर नींद पूरी नहीं होगी तो उससे कुछ हार्मोन्स का असंतुलन होगा और यह पूरे शऱीर में हार्मोन्स के असंतुलन का कारण बन जाएगा.
महिलाओं में अंडे की क्वालिटी में हो सकती है गिरावट
महिलाओं में नींद की कमी से प्रजनन के दौरान बनने वाले अंडे की क्वालिटी में गिरावट आ सकती है. जिससे गर्भधारण में दिक्कत होगी. दरअसल नींद के दौरान रिलीज होने वाला मेलोटोनिन हार्मोन गर्भधारण के दौरान अंडे को सुरक्षा देता है लेकिन अगर महिला कम नींद लेगी तो उसके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन कम बनेगा, जिससे अंडे की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है.
महिलाओं को हो सकता है मोटापा
बता दें कि जो महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं. इनमें दिल की बीमारी, हाइपरटेंशन, मोटापा, डायबिटीज, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी, कैंसर, डिप्रेशन, एंग्जाइटी डिसऑर्डर शामिल हैं. हालिया स्टडी में पता चला है कि नींद की कमी से महिलाओं में गर्भाश्य संबंधी दिक्कतें, पीरियड संबंधी समस्या और इंफर्टिलिटी जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती हैं.
बता दें कि 6-7 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है. इसके लिए रात को सोते समय मोबाइल आदि गैजेट से दूरी बनाकर रखें. हेल्दी खाना खाएं और रात को बहुत ज्यादा भारी खाना खाने से बचें. गौर करने वाली बात ये भी है कि 9 घंटे से ज्यादा की नींद भी नुकसानदायक है. इसलिए नींद की अधिकता से भी बचें.
(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी और विभिन्न लेखों पर आधारित है. जी मीडिया इनकी पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही काम करें.)