नवजात का करने वाले थे अंतिम संस्कार, पैर में लगे टैग को देखा तो परिजनों के उड़े होश
एक महिला को अस्पताल वालों ने कहा कि तुम्हारा बच्च मर गया है, उसकी बॉडी ले जाओ. इस पर परिजन जब नवजात उसका अंतिम संस्कार करने वाले होते हैं तो देखते हैं बच्चे के पैर में जो टैग है, उसमें मां का नाम कोई और लिखा हुआ है.
अभय कुमार पांडे/ अनूपपुर: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है. जिला अस्पताल में एक अजीब घटना घटित हुई जहां एक प्रिया नाम की महिला को उसके नवजात का शव दिया गया लेकिन बच्ची के शरीर में जो अस्पताल का पहचान के लिए टैग लगा होता है उसमें मां का नाम दूसरा था.
बॉडी में लगे टैग पर पड़ी नजर
महिला और उसका पति पहले तो जिला अस्पताल से नवजात के शव को लेकर घर जैतहरी के ग्राम गोबरी आ गए पर जब अंतिम संस्कार कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे तो उनकी नजर बच्ची की बॉडी में लगे टैग पर पड़ी जिसमें मां का नाम प्रिया सिंह की जगह ज्योति सिंह लिखा था. महिला और उनके परिजन शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और बच्चा बदले जाने की बात कह अस्पताल चौकी में शिकायत दी. अस्पताल प्रबंधन के साथ पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया और मामले की जांच में जुट गया.
नवजात की मृत होने की सूचना देकर शव को परिजनों को सौंपा
नवजात बच्ची की मां प्रिया सिंह की डिलेवरी जैतहरी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में हुई थी जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया. बच्ची अस्वस्थ थी इसलिए उसे जिला अस्पताल अनूपपुर रेफर कर दिया गया जहां शिशु गहन जांच इकाई में उसे 9 अगस्त को भर्ती कर उसका इलाज चालू कर दिया गया. आज की सुबह 7.30 पर मां प्रिया सिंह और उसके परिजनों को बुलाकर नवजात की मृत होने की सूचना देकर शव को परिजनों को सौंप दिया गया था.
मां का नाम प्रिया की जगह ज्योति लिखा था
नियमतः जब भी शिशु गहन जांच इकाई में जब बच्चो को भर्ती किया जाता है तो उसके शरीर पर हाथ या पैर में बच्ची के मां का नाम लिखकर उसे कॉटन के कपड़े वाले टेप से चिपका दिया जाता है जिससे बच्चे की पहचान सुनिश्चित हो सके. अपने घर ग्राम गोबरी मे जाकर जब बच्चे को परिजनों ने देखा तो उसके शरीर पर जो टैग था उसमे मां का नाम प्रिया की जगह ज्योति लिखा था. परिजन मां के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर बच्चे बदले जाने की शिकायत करने लगे.
अस्पताल प्रबंधन ने कही उचित कार्रवाई की बात
अस्पताल प्रबंधन और पुलिस बल ने जांच चालू की और सीसीटीवी फुटेज और बच्ची के सारे डॉक्युमेंट्स खंगाले. जांच उपरांत पाया कि किसी स्टाफ नर्स द्वारा गलती से मां का नाम प्रिया से ज्योति लिख लिया गया और बच्चे बदलने वाली बात को नकारा गया. फिलहाल जिला अस्पताल प्रबंधन यह जानने की कोशिश कर रहा आखिर टैग में नाम गलत लिखने वाली स्टाफ नर्स कौन है और किसकी लापरवाही से यह गलती हुई. जिसकी भी लापरवाही निकलेगी उस पर कार्रवाई की बात भी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन कर रहे हैं. परिजन प्रशासन की बात मान नवजात को पुनः वापिस घर ले गए और जिसने भी यह लापरवाही की उसको सजा दिलाने की बात करते रहे. अस्पताल प्रबंधन टैग में गलती से नाम बदलकर लिखे जाने की बात कह रहा लेकिन सिर्फ नाम गलती से लिखा या बच्ची ही बदल गई, ये दोनों सवाल अभी भी खड़े हैं. यदि नाम गलती से गलत लिखा भी तो पर एक गलती से कितनी बड़ी बात हो सकती है इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है.
कारम डैम से तबाही का संकट टला, आजादी का अमृत महोत्सव घर में मना सकते हैं गांव वाले: सीएम शिवराज