Lord Shiva Village In MP: राकेश जायसवाल/खरगोन। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अवसर पर देश भर के मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है. लोग अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे हैं. इस अवसर पर हम आपको मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) में पड़ने वाले गांव की कहानी बताने जा रहें हैं जहां पर भगवान शिव खुद इस गांव के पालनहार हैं और उनकी ही बदौलत यहां पर दीप जलता है.


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खरगोन जिले में एक गांव है बकावां (Bakawan Village) यहां के निवासी सदियों से ही शिवलिंग बनाकर (Making Shivling) अपना जीवन यापन करते आ रहें हैं. उनका कहना है कि भगवान शिव ही उनका जीवन चला रहे हैं. क्यों चर्चा में है गांव आइए जानते हैं.


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शिव के सहारे गांव वासी
बकांवा गांव में आज के कई वर्षों पहले भगवान शिव का शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ. धीरे- धीरे ये रोजगार में तब्दील हो गया. यहां के निवासी इसे अपने पूर्वजों की जागीर समझकर आगे बढ़ाने लगे और देखते ही देखते गांव भर में इसका प्रचलन हो गया. रोजमर्रा की जिंदगी में भगवान शिव के जरिए से कई बदलाव आते गए. जिससे यहां के निवासियों का कहना है कि शिव ही उनके तारणहार और पालनहार हैं. उनके ही जरिए हमारे घरों में चूल्हा जलता है.


पत्थरों को देते हैं शिवलिंग का आकार 
इस गांव के लगभग सभी घरों में शिवलिंग बनाने का काम किया जाता है. इस काम के लिए लोग नर्मदा नदी के बीच से निकले पत्थरों को शिवलिंग का आकार देते हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर काफी संख्या में लोग आकर अपने घरों मंदिरों के लिए यहां से शिवलिंग ले जाते हैं.यहां पर एक इंच से लेकर 24 फीट के शिवलिंग बनते हैं. यहां के लगभग 300 लोग इस काम को करते हैं.


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महाशिवरात्रि में होता है उत्सव
महाशिवरात्रि के पर्व को गांव भर में लोग उत्सव के रूप में मनाते हैं. इस मौके पर बकावा गांव में भंडारे का भी आयोजन किया जाता है जिसमें पूरा गांव एकजुट होकर अपने पालन हार से गांव की बरक्कत के लिए कामना करता है. इस गांव की एक खूबी है कि यहां पर जाने के बाद दूर - दूर तर भगवान शिव के शिवलिंग ही नजर आते हैं.