भोपालः लंपी वायरस के चलते मध्य प्रदेश में अलर्ट जारी है. अब सरकार ने और एहतियात बरतते हुए गुजरात-राजस्थान से लगते जिलों के बॉर्डर पर पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी है. एमपी के सीमावर्ती राज्यों में लंपी वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते यह फैसला लिया गया है. बता दें कि एमपी के रतलाम में कुछ पशुओं में लंपी वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए हैं. जिसके बाद प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 


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लंपी वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी करने के बाद अब पशुपालन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए गए हैं. पशुपालन और डेयरी विभाग ने सभी संयुक्त संचालक, उप संचालक, संभागीय और जिला लैब प्रभारियों से पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति पर चर्चा की. बता दें कि गुजरात राजस्थान बॉर्डर पर पशुओं के आवागमन पर रोक की वजह दोनों राज्यों में लंपी वायरस का संक्रमण फैलना है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लंपी वायरस के चलते पिछले कुछ हफ्तों में राजस्थान और गुजरात में करीब 3 हजार पशुओं की मौ हुई है. पंजाब में भी कई पशुओं की जान लंपी वायरस के संक्रमण के चलते चली गई है. 


क्या है लंपी वायरस
लंपी वायरस पशुओं में होने वाली एक वायरल बीमारी है. जो मक्खी मच्छर के जरिए एक पशु से दूसरे पशु में फैलती है. इस बीमारी में पशुओं के शरीर पर छोटी-छोटी गांठें हो जाती हैं, जिनमें जख्म हो जाते हैं. इस बीमारी में पशु खाना खाना कम कर देता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. 


लंपी वायरस से संक्रमित होने के बाद पशु खाना-पीना छोड़ देते हैं और संक्रमण ज्यादा बढ़ने पर पशुओं की तड़प-तड़पकर मौत भी हो जाती है. साल 1929 में लंपी वायरस का पहला केस सामने आया था. माना जा रहा है कि इस साल पाकिस्तान में लंपी वायरस के मामले सामने आए थे और वहीं से ही राजस्थान और गुजरात में यह वायरस फैला. 


बचाव के उपाय
लंपी वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे पहले संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से अलग करना चाहिए. संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु के झुंड में शामिल नहीं करना चाहिए. चूंकि यह वायरस मक्खी मच्छर के जरिए फैलता है, इसलिए मक्खी मच्छरों की रोकथाम की व्यवस्था करनी चाहिए. संक्रमित क्षेत्र में पशुओं के आवागमन पर रोक लगानी चाहिए.