Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें? यहां जानिए सबकुछ
Chandra Grahan 2023: इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023, शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है. इस दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में हम बताने जा रहे हैं.
Chandra Grahan 2023: मान्यताओं के अनुसार हमारे जीवन में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व होता है. चंद्र ग्रहण को अशुभ भी माना जाता है. क्योंकि इसका असर कई सारी राशियों पर पड़ता है. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023, शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान करें ये काम
चंद्र ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए.
चंद्र ग्रहण लगने से पहले और बाद में भगवान के नाम का जप करना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण के बाद दान करना चाहिए.
ग्रहण समाप्त होने के बाद पूरे घर में गंगा जल छिड़के.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
चंद्र ग्रहण के दौरान खाना बनाना और खाना दोनों ही वर्जित होता है. इस समय दोनों काम नहीं करना चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए. मंदिर के कपाट बंद कर देना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान कुछ भी चीज काटना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को भी नही छूना चाहिए.
जानें चंद्र ग्रहण का समय और जगह
ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, साउथ/ईस्ट अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा . यह 5 मई की रात 8.45 बजे से शुरू होगा और देर रात 1 बजे तक रहेगा. ग्रहण का परमग्रास समय रात 10.53 बजे है. बता दें कि चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा.
यह भी पढ़ें: Chandra Grahan: इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानिए सूतक का समय
भारत में कब लगेगा साल का पहला और आखिरी चंद्र ग्रहण
भारत में इस साल का पहला और आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा. यह ग्रहण भारत के हिस्सों में दिखाई देगा. भारत के अलावा यह ग्रहण एशिया के कई देशों, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी दक्षिणी अफ्रीका, आर्कटिक, अंटार्कटिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर में भी दिखाई देगा.