MP में अब घर बैठे होगी रजिस्ट्री; ऐसा करने वाला बना पहला राज्य, नहीं लगाना होगा चक्कर
MP news -मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संपदा 2.0 का शुभारंभ किया. जमीन की रजिस्ट्री अब घर बैठे हो सकेगी. अब लोग बिना दफ्तर के चक्कर काटे घर बैठे ही जमीन और मकान की रजिस्ट्री हो सकती है. ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.
madhya pradesh news- जमीन और मकान की रजिस्ट्री को सरल और सुगम बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आयाम खड़ा किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कुशाभाऊ इंटरनेशनल कनवेंशन सेंटर में संपदा 2.0 को लॉन्च किया. सीएम ने संपदा 2.0 को लॉन्च करने के बाद ये दावा किया कि मध्यप्रदेश अब देश का पहला राज्य बन गया है जहां घर बैठे बिना किसी दफ्तर के चक्कर काटे लोग जमीन और मकान की रजिस्ट्री का सकेंगे. इसके अलावा प्रॉपर्टी पर कितना लोन बकाया है ये भी इस सॉप्टबवेयर से चेक कर सकते हैं.
इस सॉफ्टवेयर से प्रदेश के सभी जिलों को कनेक्ट किया गया है. रजिस्ट्री और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रजिस्ट्रा के ऑफिस जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. लोग घर बैठे ही ई-पंजीयन कर सकेंगे. पूरा प्रोसेस ई साइन और डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से पूरा हो जाएगा. साथ ही केवाईसी की भी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो सकेगी. पूरी प्रकिया ऑनलाइन होगी इससे पैसा और समय दोनों की बचत होगी.
56 लाख से ज्यादा हुए रजिस्ट्रेशन
संपदा सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब तक लगभग 56 लाख से ज्यादा दस्तावेजों का पंजीयन किया जा चुका है.पूरी प्रक्रिया में 50 हजार करोड़ का राजस्व मिला है. सितंबर 2022 में अचल संपत्तियों के पंजीयन में संपदा की शुरुआत हुई थी. प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर विभाग ने बताया कि सॉफ्टवेयर द्वारा प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन, लोन और अन्य दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा. अगर उस दस्तावेज पर लोन लिया गया होगा, तो उसकी जानकारी भी इस सॉफ्टवेयर में दिख जाएगी. साथ ही संपत्ति की पहचान कस्टोडियम डिपार्टमेंट से कराई जाएगी.
विकसित हो रहा है एमपी
सीएम मोहन यादव ने सभा को संबोधित किया. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले रजिस्ट्री के समय पटवारी कलेक्टर का बाप बन जाता था. रेवेन्यू बढ़ाने के लिए हाथों से रजिस्ट्री होती थी, लेकिन इसका दुरुपयोग होता था. जहां नामांतरण के लिए सालों लगा जाते थे अब हफ्ते दो हफ्ते में हो जाएगा काम. वहीं सीएम ने पूर्वा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे, वित्त मंत्री रहे और गवर्नर भी रहे, लेकिन वे भी ऐसी तकनीक नहीं विकसित कर पाए जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित कर दी.
सीएम ने कहा कि अब जो व्यवस्था शुरू हुई है, उसमें नामांतरण के साथ बटांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो रही है. इसके लिए अलग आवेदन नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कितने भी पढ़े लिखे हो, लेकिन यहां आने पर अंगूठा ही लगाना पड़ता है. अब तकनीक के दौर में सभी चीजों को डेवलप करना जरूरी है.