Story of the Formation of Chhattisgarh: 31 अक्टूबर 2000 को पूरा मध्य प्रदेश बेचैनी में डूब गया. कारण था कि मध्य प्रदेश का एक हिस्सा प्रदेश से अलग हो गया और स्थापना हुई एक नए राज्य जिसका नाम था छत्तीसगढ़. बता दें कि इस नए राज्य की स्थापना के बाद मध्य प्रदेश की 26.62 आबादी और 30.4% भूमि चली गई. साथ ही मध्य प्रदेश का 41.42% वन क्षेत्र भी नए राज्य छत्तीसगढ़ में चले गया. बता दें कि विभाजन के पहले मध्य प्रदेश में 320 विधानसभा सीटें होती थीं और छत्तीसगढ़ के गठन के बाद 90 सीटें नए राज्य को दे दी गईं.


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इतने कर्मचारी चले गए छत्तीसगढ़
विभाजन के समय मध्यप्रदेश के 7,000 कर्मचारी छत्तीसगढ़ ट्रांसफर कर दिए गए. उस समय मध्य प्रदेश में 496 आईएएस ऑफिसर, 278 आईपीएस ऑफिसर और 385 आईएफएस ऑफिसर थे. बता दें कि इन कर्मचारियों में से 111 आईएएस ऑफिसर, 73 आईपीएस ऑफिसर और 99 आईएएस ऑफिसर छत्तीसगढ़ को दे दिए गए थे.  वहीं नए राज्य की सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश के 96,000 पुलिसकर्मियों में से 26% छत्तीसगढ़ में तैनात कर दिए गए. वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी अपनी किताब राजनीतिनामा मध्यप्रदेश में लिखते हैं कि उस समय के ज्यादातर अधिकारी मध्यप्रदेश में ही रहना चाहते थे. इसलिए पोस्टिंग और प्रशासन के बंटवारे को लेकर को लेकर हाई कोर्ट में कई सालों तक पिटिशन भी दायर होती रहीं. 


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26. 63% जमा राशि छत्तीसगढ़ को दी गई
बंटवारे के समय मध्य प्रदेश सरकार का स्वीकृत बजट 23 हजार करोड़ रुपये था. इसके बाद जब नया छत्तीसगढ़ राज्य बना तो मध्य प्रदेश के बजट में से प्रारंभिक 5 महीने के खर्च के लिए छत्तीसगढ़ को 3,000 करोड़ रुपये दिए गए. 31 अक्टूबर को क्लोजिंग बैलेंस के आधार पर रिजर्व बैंक ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की धनराशि का बंटवारा किया था. उस मध्य प्रदेश की जितनी जमा राशि थी. उसका 26. 63% छत्तीसगढ़ को दी गई.


छत्तीसगढ़ को दिया गया एयर बी 200 विमान
मध्यप्रदेश का एक हेलीकॉप्टर भी नए राज्य को देना पड़ा. दरअसल उस समय मध्य प्रदेश के पास एक हेलीकॉप्टर और एक हवाई जहाज हुआ करते थे. अब जाहिर सी बात है कि छत्तीसगढ़ नया राज्य बना था तो दिल्ली का दौरा करने के लिए सीएम अजीत जोगी को हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ रही थी. इसी के चलते मध्यप्रदेश ने अपना पवन पुत्र नाम का एयर बी 200 विमान छत्तीसगढ़ को दिया. हालांकि कुछ दिन बाद छत्तीसगढ़ ने एक नया हेलीकॉप्टर ले लिया और मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गांव-गांव की यात्रा करने के लिए हेलीकॉप्टर रख लिया.


बता दें कि जब छत्तीसगढ़ नया राज्य बना तो बंटवारा सिर्फ कर्मचारियों, पैसे, जमीन जंगल बस का नहीं हुआ. यहां तक कि टेबल, कुर्सियों, अलमारी का भी हुआ. बंटवारे में 36 वीआईपी टेबल, 345 ऑफिस टेबल, 40 वीआईपी कुर्सियां, 985 ऑफिस चेयर, 12 बड़ी सेंट्रल टेबल, 466 की स्टील अलमारी छत्तीसगढ़ को दी गईं थीं