ग्वालियर। मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम ने 88 साल बाद रणजी ट्रॉफी पर पहली बार अपना कब्जा जमा लिया. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Ranji Trophy Champion) पहली बार विजेता बनी. एमपी ने 41 बार के चैम्पियन मुंबई को 6 विकेट से हराया. टीम ने लीग स्टेज के 3 में से 2 मैच जीते, एक मुकाबला ड्रॉ रहा. इस जीत पर सीएम शिवराज भी उत्साहित है, उन्होंने टीम को बधाई दी. वहीं ग्वालियर पहुंचे मुख्यमंत्री ने रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों के परिजनों को भी सम्मानित किया. 


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खिलाड़ियों के परिजनों को सीएम ने किया सम्मानित 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में टीम सदस्यों के परिजन को सम्मानित किया, उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक छड़ है. एमपी की क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. जिसके लिए पूरी टीम का भी भव्य स्वागत किया जाएगा. सीएम ने ग्वालियर में क्रिकेटर अंकित शर्मा के पिता नागेंद्र शर्मा, विक्रांत भदौरिया के माता-पिता संगीता-राजेश भदौरिया को किया सम्मानित. उन्होंने खिलाड़ियों के परिजनों को शॉल-श्रीफल भेंट कर किया सम्मानित किया उन्हें बधाई दी. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि ''अंतर्मन उत्साह, उल्लास और आनंद से भरा हुआ है. आप खिलाड़ियों ने जो इतिहास रचा है, ये अमूल्य क्षण सदैव हमें गौरव से अभिभूत करते रहेंगे. यह ऐतिहासिक क्षण आप खिलाड़ियों और कोच के घनघोर परिश्रम से ही संभव हुआ है. इस महान जीत की आप सबको आत्मीय बधाई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही राजधानी भोपाल में विजयी टीम को सम्मानित किया जाएगा. सभी खिलाड़ियों का नागरिक सम्मान किया जाएगा. 


फाइनल में मिली जीत 
दरअसल,  88 साल के रणजी इतिहास में यह पहला मौका है, जब ट्रॉफी एमपी आएगी. मध्य प्रदेश की टीम दूसरी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा था, जहां फाइनल में उसने मुंबई की टीम को बुरी तरह हराया. इससे पहले 23 साल पहले मध्य प्रदेश की टीम ने कर्नाटक से रणजी का फाइनल खेला था, जहां टीम को हार मिली थी. 


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