E-Card News: मध्य प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए कार्ड बनाने वाली कंपनी के हटने के बाद प्रशासन ने पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन कर दिया है. जिसके लिए E-Card बनाने की व्यवस्था की गई है. लेकिन इसमे एक बड़ी समस्या सामने आ रही थी. लोगों से E-Card बनाने के नाम पर 200 रुपये लिए जा रहे थे. अब इसको लेकर परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए यह प्रस्ताव भेजा है कि इस शुल्क को हटाया जाए. दहअसल नई व्यवस्था लागू होने पर गाड़ी मालिकों को कोई भी कार्ड रखने की जरूरत नहीं है. लोग अपने कार्ड को फोन  में ऑनलाइन ही रख सकते है. लेकिन लोगों से कार्ड के नाम पर पैसे लिए जा रहे थे. इसको लेकर परिवहन विभाग के अपर आयुक्त उमेश जोगा ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है जिसमें कहा गया है कि, वाहन रजिस्ट्रेशन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड की परेशानी को दूर करने के लिए ई-कार्ड की वैकल्पिक व्यव

स्था लागू की है. कार्ड को लेकर 200 रुपये शुल्क लग रहा है उसको लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है.

 

क्या है  E-Card वाली नई व्यवस्था

दरअसल मध्य प्रदेश प्रशासन ने ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के एक नई व्यवस्था प्रदेश में लागू किया है. जिसमें अगर कोई  भी गाड़ी रखने वाले को  रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस  बनवाता है तो उसे कार्ड नहीं मिलेगा. बल्कि कार्ड की जगह लोगों को  E-Card मिलेंगे. परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस और पंजीयन कार्ड को अप्रूव किया जाएगा, जिसे लोग अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन निकाल सकेंगे. इसके अलावा मोबाइल में भी आरसी कार्ड और लाइसेंस दिखाने पर उसकी मान्यता रहेगी. इस संबंध में पुछले विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया था.

 

1 अक्टूबर से लागू है नया नियम

नया नियम 1 अक्टूबर से ही लागू कर दिया गया है. पिछले महिने प्रदेश के परिवहन आयुक्त मध्य प्रदेश डीपी गुप्ता ने नोटिफिकेशन जारी करते कहा था कि पूरे प्रदेश में यह आदेश जारी कर दिया गया है. विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र को इलेक्ट्रॉनिकली जारी किया जाएगा.  इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा.


पूरे देश में मान्य होगा E-Card

आपको बताते चलें कि ई-कार्ड एम परिवहन एप पर उपलब्ध होगा. जहां से सिटीजन पोर्टल पर आवेदक इसका पीडीएफ निकाल  सकेंगे. वहीं इस कार्ड की सबसे खास बात यह है कि E-Card सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी मान्य होंगे. इससे प्रदेश के लोगों को दूसरे राज्य में भी सफर करने में सुविधा होगा.