Magh Month 2023: इस दिन शुरू हो रहा माघ का महीना, जानिए स्नान-दान व पूजा उपाय
Magh Month 2023 Start Date: अब से कुछ दिन बाद हिंदु धर्म के पवित्र माह माघ की शुरुआत हो जाएगी. इस महीने स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं माघ महीने के स्नान-दान व महत्व के बारे में...
Magh Month 2023: हिंदू धर्म में माघ के महीने का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि माघ महीने में किये गए स्नान-दान का कई गुना फल मिलता है. माघ माह में गंगा समेत सभी पवित्र नदियों में स्नान कर सर्य देव मां गंगा और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है. माघ माह शुरू होने में अब मात्र गिने-चुने दिन ही बचे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कब शुरू हो रहा माघ का महीना और क्या है स्नान-दान व पूजा विधि?
कब शुरू हो रहा माघ का महीना
हिंदू पंचाग के अनुसार माघ माह की शुरुआत 07 जनवरी 2023 दिन शनिवार को शुरू रहा है. जिसका समापन 05 फरवरी 2023 को होगा. इस महीने गंगा स्नान और संगम स्नान का विशेष महत्व है. माघ महीने में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है.
माघ माह में करें ये उपाय
माघ महीने स्नान-दान का विशेष महत्व है. इस महीने आप पवित्र नदी में स्नान करने के पश्चात भगवान विष्णु को तिल अर्पित करें. साथ ही भगवान भास्कर (सूर्य) को अर्घ्य दें. यदि संभव हो तो पूरे महीने नदी स्नान करें. यदि ऐसा नहीं हो पाए तो घर पर ही नहाने वाले जल में पवित्र नदी का जल और काला तिल डालकर स्नान करें. इस महीने गंगा स्त्रोत का पाठ करना बहुत शुभ होता है. यदि आप किसी रोग से पीड़ित हैं तो माघ महीने में जरुरतमंदों को गरम कपड़े का दान करें.
यदि आप चाहते हैं कि आपके जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाए तो माघ महीने में प्रतिदिन स्नान के बाद नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें...
दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च ।
प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम् ।।
मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव ।
स्नानेनानेन मे देव यथोक्तपलदो भव ।।
दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते ।
परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम् ।।
माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव ।
माघ महीने में ना करें ये काम
माघ का महीना पवित्र महीनों में से एक होता है. ऐसे में आप माघ महीने में गलती से भी नॉनवेज,मदिरा या तामसिक चीजों का सेवन ना करें. साथ इस महीने मूली, बैगन की सब्जी खाना वर्जित होता है.
माघ माह का महत्व
धार्मिक मान्यता अनुसार गौतमऋषि ने इंद्रदेव को श्राप दिया था, क्षमा याचना मांगने के बाद गौतमऋषि ने इससे मुक्ति के लिए प्राश्चित करने को कहा, जिसके बाद इंद्र देव माघ महीने में गंगा स्नान करके दान-पुण्य किए, तब जाकर पाप से मुक्त हुए. इसलिए हर साल माघ माह महीने में स्नान-दान का विशेष महत्व है.
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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टी नहीं करता है.)