MP News: अनूपपुर से पकड़ा गया बिगड़ैल जंगली हाथी, कान्हा नेशनल पार्क होगा नया ठिकाना
Kanha Rashtriy Udyan: मध्य प्रदेश के कई जिलों में हाथियों का उत्पात जारी है. इसी कड़ी में अनूपपुर जिले में बांधवगढ़ की टीम ने एक बिगड़ैल जंगली हाथी का रेस्क्यू किया है. इस हाथी को नियंत्रित करने के लिए कान्हा नेशनल पार्क भेजा गया है.
विमलेश मिश्रा/मंडला: कान्हा नेशनल पार्क अब तक अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता रहा है. यहां न केवल बाघ, बारासिंघा और अन्य जंगली जानवरों का संरक्षण किया जा रहा है, बल्कि अब यहां बिगड़ैल और जंगली हाथियों को भी पालतू बनाया जा रहा है. इस कार्य में पार्क प्रबंधन कड़ी मेहनत कर रहा है. हाल ही में अनूपपुर से लाए गए आतंकी हाथी को कान्हा में नियंत्रित किया जा रहा है. पार्क प्रबंधन हाथी को पालतू बनाने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए जहां पार्क के अन्य हाथियों का सहयोग लिया जा रहा है, वहीं पशु चिकित्सकों समेत 2 दर्जन से अधिक कर्मचारी भी मेहनत कर रहे हैं.
अनूपपुर से पकड़ा गया जंगली हाथी
दरअसल बांधवगढ़ की टीम ने अनूपपुर में बिगड़ैल हाथी का रेस्क्यू किया है.अनूपपुर जिले के जैतहरी रेंज के गोबरी बीट में रिजर्व फारेस्ट 302 के झुरही तलैया के पास जंगली हाथी का रेस्क्यू किया गया.अनूपपुर से लाए गए जंगली हाथी को 8 से 10 माह में पालतू बना लिया जाएगा. पार्क प्रबंधन का कहना है कि पहले भी हमने एक बिगड़ैल हाथी को सफलतापूर्वक काबू किया है जो पार्क में अपनी सेवाएं दे रहा है. इसी तरह उक्त हाथी को भी काबू में करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए पार्क के अन्य महावत, चारा काटने वाले और अन्य कर्मचारी तैनात हैं. हाथी को पालतू बनाना एक चुनौती है लेकिन उम्मीद है कि 8 से 10 साल में इसे पालतू बना लिया जाएगा.
पशुचिकित्सकों का कहना है कि खास तौर पर दक्षिण भारत में इस तरह का काम किया जाता है, जो एक बड़ी चुनौती है. लेकिन अब हम भी इस चुनौती के लिए तैयार हैं. हम हाथी को पालतू बनाने की विभिन्न प्रक्रियाओं में लगे हुए हैं, जो जल्द ही पार्क के अन्य हाथियों की तरह पालतू बन जाएगा और पार्क के अन्य हाथियों के बेड़े में शामिल हो जाएगा.
हाथी ने मचा रखा था आतंक
आपको बता दें कि करीब 30 साल के एक जंगली हाथी को अनूपपुर के जंगल से पकड़कर कान्हा लाया गया है. उक्त हाथी अनूपपुर में आतंक मचा रहा था. कान्हा में इससे पहले न केवल अनाथ बाघों को पालतू बनाकर जंगली बनाया गया है बल्कि जंगली हाथियों को भी पालतू बनाया गया है. अब एक बार फिर उक्त हाथी को पालतू बनाने का प्रयास चल रहा है जो पार्क प्रबंधन के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.