लंदन भेजा जाएगा मंडला का महुआ, ग्रामीणों की आय में होगी दोगुनी वृद्धि
मध्यप्रदेश वन विभाग ने महुआ को निर्यात करने की योजना बनाई है. इसकी प्राथमिक तैयारियां कर ली गई हैं. सरकार का लंदन की एक कंपनी से करार हुआ है और प्रथम चरण में प्रदेश से करीब 670 टन महुआ भेजा जाना है. इसमें मंडला जिले का लक्ष्य 20 टन निर्धारित किया गया है.
विमलेश मिश्रा/मंडला: मध्यप्रदेश वन विभाग ने महुआ को निर्यात करने की योजना बनाई है. इसकी प्राथमिक तैयारियां कर ली गई हैं. सरकार का लंदन की एक कंपनी से करार हुआ है और प्रथम चरण में प्रदेश से करीब 670 टन महुआ भेजा जाना है. इसमें मंडला जिले का लक्ष्य 20 टन निर्धारित किया गया है. यदि जिले का महुआ मापदंड में खरा उतरता है तो 35 रुपये प्रति किलो बिकने वाला महुआ 100-110 की दर से निर्यात होगा. इससे जिले की ग्रामीण आजीविका का एक नया रास्ता खुलेगा.
वन विभाग ग्रामीणों को दे रहा प्रशिक्षण
वन विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में परंपरागत रूप से पेड़ के नीचे टपके हुए या पेड़ के नीचे आग लगाकर महुआ एकत्र किया जाता है. इसमें महुआ में धूल मिट्टी के कण आ जाते हैं या महुआ में दाग आ जाता है. इस तरह से यह महुआ ऑर्गनिक सर्टिफिकेशन में रिजेक्ट हो जाएगा. महुए की प्राकृतिक गुणवत्ता बनी रहे इसके लिए वन विभाग द्वारा ग्रामीणों का मार्गदर्शन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है.
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प्राथमिक चरण में 250 पेड़ों को किया गया चिन्हित
निवास परिक्षेत्र अधिकारी प्रिवेश वराडे ने बताया कि जिले का महुआ दिए गये मापदंड में खरा उतरे इसके लिए निवास परिक्षेत्र के करीब 3000 हेक्टेयर क्षेत्र के 250 पेड़ों को चिन्हित किया गया है. इन पेड़ों में नेट या कपड़ा लगाया गया है. जिससे पेड़ से टपकने वाला महुआ जमीन से ऊपर नेट या कपड़े में ही एकत्र हो जाए. साथ ही महुआ एकत्र करने वाले ग्रामीणों को महुआ संग्रहण और भंडारण की उन्नत पद्धति का प्रशिक्षण दिया गया है.
पायलट प्रोजेक्ट में मंडला को 20 टन का लक्ष्य
डीएफओ पश्चिम सामान्य वनमंडल मंडला निथ्यानंतम एल ने बताया कि मंडला जिले को 20 टन का लक्ष्य दिया गया है. एक टीम महुए की गुणवत्ता जांचने आने वाली है. यदि हमारा महुआ अंतरराष्ट्रीय निर्यात मापदंड पर खरा उतरता है तो हम उच्चतम स्तर पर बेच पाएंगे. अभी महुए की एमएसपी 35 रुपये प्रति किग्रा है और हमारा प्रयास है कि हम 100 से 110 रूपये तक प्राप्त करें.
निर्यात होने पर मिलेगा बोनस
विभाग द्वारा वनोपज समितियों के माध्यम से एमएसपी पर महुए का कलेक्शन किया जायेगा. विशेषज्ञों की टीम द्वारा इसकी ऑर्गनिक सर्टिफिकेशन के लिए जांच की जाएगी. यदि महुआ दिए गए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है तो इसे निर्यात किया जायेगा. इसके बाद ग्रामीणों को बोनस के तौर पर शेष राशि का भुगतान होगा.
औषधीय गुणों से भरपूर है महुआ
जानकारों का कहना है कि महुए में औषधीय गुण होते है. पूर्व से ही आयुर्वेद में महुआ का उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों का इलाज के लिए किया जाता है. महुआ में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे पोषक तत्व के साथ-साथ इसमें कई अन्य तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार से लाभ प्रदान करते हैं.
महुए का है धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
जिले के जनजाति समाज का महुए के साथ एक अभिन्न रिश्ता है. यह न केवल उनकी संस्कृति में रचा बसा है बल्कि उनकी आय का स्रोत भी है. कई अवसरों पर इसकी पूजा भी की जाती है. मार्च-अप्रेल के महीने में जब महुआ के पेड़ों से फूल गिरते हैं तो उसे एकत्र करने का ये मौसम ग्रामीण उत्सव की तरह होता है. अब सरकार की इस सराहनीय पहल के बाद महुए की ये खुशबू न केवल लंदन तक महकेगी बल्कि समुदाय के जीवन में खुशहाली लेकर आएगी.