Mandsaur News: न कांपे हाथ न पसीजा दिल, फाइनेंस कंपनी ने 100 के बुजुर्ग को पलंग सहित किया बेघर, जानिए मामला
Madhya Pradesh News: मंदसौर में लोन की किस्त नहीं चुका पाने पर एक शख्स को परिवार समेत उनके घर से बेदखल कर दिया गया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में लोन की किस्त नहीं चुकाने पर एक शख्स को परिवार समेत घर से बेदखल करने का मामला सामने आया है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुलिस कर्मियों की निगरानी में बैंक कर्मचारी एक व्यक्ति का मकान खाली करा रहे हैं. कर्मचारियों ने शख्स के 100 साल के बीमार पिता को भी बिस्तर समेत उठाकर बाहर रख दिया.
जानिए पूरा मामला
दरअसल ये मामला नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के भील्याखेड़ी गांव का है. यहां रहने वाले गोविंददास बैरागी ने 2015 में मेंटोर फाइनेंस जयपुर से मकान बनाने के लिए 3 लाख का लोन लिया था. शख्स ने बताया कि अब तक लोन के एवज में 70 हजार रुपये की किस्त चुकाई जा चुकी है. कोरोना आने के बाद लॉकडाउन हो गया, बाद में मेरे पिता की तबीयत खराब हो गई जिस वजह से वह किस्त नहीं भर सका. मैंने और मेरी पत्नी ने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों व पुलिस वालों से किश्तें जमा कराने का निवेदन भी किया, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी. लोन की 50 किश्तें बाकी थीं, जिसके लिए कंपनी ने मंदसौर कोर्ट में केस दायर किया था.
उपेक्षा और अपमान की एक नई कहानी- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी
इस वीडियो पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस जहां निजी कंपनियों पर मनमाने और अमानवीय तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगा रही है. वहीं, बीजेपी इस मामले को कोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई बता रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर X पर लिखा कि 'उपेक्षा और अपमान की एक नई कहानी आज मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले के नाहरगढ़ से सामने आई है! विकसित भारत की तस्वीर? होम लोन नहीं चुकाने पर फाइनेंस कंपनी ने बीमार बुजुर्ग सहित घर के सदस्यों को बाहर निकाला, फिर घर पर ताला लगा दिया'. उन्होंने लिखा कि 'डॉक्टर मोहन यादव की सरकार इस मोर्चे पर भी असफल है. मनमर्जी का यह गैर कानूनी तंत्र अब जनता की जान का दुश्मन बन रहा है'.
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वहीं बीजेपी प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसौदिया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक फाइनेंस कंपनी को कानूनी सहायता मुहैया कराई गई. कयामपुर क्षेत्र के भील्या खेड़ी निवासी एक व्यक्ति के 1980 वर्ग फीट के मकान की कुर्की के आदेश कोर्ट ने दिए थे. हालांकि इस दौरान जो बीमार बुजुर्ग को बाहर निकाला गया उसमें बैंक के कर्मचारियों और मौजूद अधिकारियों को भी थोड़ा मानवीय संवेदनाओं का परिचय देना था. इस घटना के संबंध में मैं कलेक्टर से चर्चा करूंगा.