Mandsaur News: मनीष पुरोहित/मंदसौर। मध्यप्रदेश में बिजली उपभोक्ता इन दिनों बढ़े हुए बिलों से परेशान हैं. ऐसी ही शिकायत लेकर मंदसौर के लोग भी बिजली दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका निराकरण नहीं हो पा रहा है. क्योंकि बिजली दफ्तर से निराकरण करने के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं. अब जिले मंदसौर में के उच्च अधिकारी, अधीक्षण यंत्री ही बढ़े हुए बिजली के बिलों के मामले में निराकरण कर पाते हैं. ऐसे में लोग दफ्तरों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो रहे हैं.


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शिकायतों का नहीं हो रहा निकारण
मध्यप्रदेश में जाड़े के मौसम में बिजली का बिल कम आने की बजाय बढ़कर आ रहा है. मंदसौर में लोग जब अपनी शिकायत लेकर बिजली दफ्तर पहुंचते हैं तो इस दफ्तर में निराकरण नहीं हो पाता. क्योंकि जून से नई व्यवस्था लागू कर दी गई है, जिसके तहत बड़े हुए बिजली के बिलों का निराकरण अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी ही कर पाते हैं.


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दफ्तरों के चक्कर काट करे लोग
बिजली उपभोक्ता कैलाश ने बताया कि वो कई दिनों से परेशान हैं. लगातार बिजली दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले बिजली का बिल 300 रुपये तक आता था, जो अब बढ़कर 1000 रुपये तक आने लगा है. इस समस्या को दूर करने के लिए वो लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है. ऊपर से अब घर का कनेक्शन कटने का खतरा मंडरा रहा है.


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गलत रीडिंग से बढ़ा बिल
कुछ यहीं हाल सुरेश होतवानी का है. सुरेश के घर का बिजली का बिल पिछले माह 5000 रुपये आया था. इस बार सर्दी के मौसम में बिल घटने की बजाय बढ़कर 11 हजार हो गया है. तीन दिन से चार चक्कर काट चुके है, लेकिन समस्या जस की तस है. मीटर रीडिंग भी 496 है, जिसे त्रुटी वश 786 दर्ज कर बिलिंग की गई है.


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क्यों हो रही है समस्या
मंदरौल बिजली विभाग के सहायक अभियंता मणिशंकर बताते हैं कि पहले 5000 तक के बिजली बिलों का निराकरण वितरण केंद्र पर ही हो जाता था. उससे बड़े 50 हजार तक के बिजली बिलों का निराकरण डिवीजन अधिकारी से हो जाता था, लेकिन अब पूरे जिले का बिजली बिल का निराकरण अधीक्षण यंत्री ही कर पाते हैं, जिले में एक ही अधीक्षण यंत्री है तो ऐसे में थोड़ा समय लग जाता है.