अस्थाई जेल से छूटने के 2 घंटे बाद ही हिरासत में लिए गए BJP विधायक, मंदिर की जमीन से जुड़ा है मामला
Mauganj MLA Pradeep Patel: मऊगंज से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल को पुलिस ने अस्थाई जेल से रिहा किया था, लेकिन 2 घंटे बाद ही उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया.
मध्य प्रदेश के मऊगंज में मंदिर की जमीन से जुड़ा विवाद अब बढ़ता जा रहा है. इस मामले में मऊगंज से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में रखा था, गुरुवार की रात पुलिस ने उन्हें अस्थाई जेल से रिहा किया, लेकिन दो घंटे बाद ही उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. क्योंकि जेल से निकलने के बाद ही वह अपने समर्थकों के साथ देवरा गांव की तरफ जा रहे थे, ऐसे में पुलिस ने उन्हें फिर से हिरासत में लिया था. बता दें कि मंगलवार को देवरा गांव में ही मंदिर की जमीन को विवाद हुआ था, जहां आगजनी-पथराव हुई थी विधायक खुद ही जेसीबी मशीन लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंच गए थे.
विधायक प्रदीप पटेल ने की है अतिक्रमण हटाने की मांग
दरअसल, बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल को 19 नवंबर से हिरासत में लेकर रीवा के अस्थाई जेल सामुदायिक भवन में रखा गया था, जहां आज लगभग रात 8:00 बजे उन्हें अस्थाई जेल से रिहाई मिली, लेकिन दोबारा से विधायक प्रदीप पटेल को गिरफ्तार करते हुए वज्र वाहन से ले जाया गया. क्योंकि अस्थाई जेल से रिहा होने के बाद तुरंत बाद ही वह देवरा गांव में बने महादेवन शिव मंदिर मऊगंज के लिए रवाना हुए थे, लेकिन जैसे ही वह लगभग 9:30 बजे के आसपास देवरा पहुंचते हैं तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें दोबारा से गिरफ्तार कर लिया है.
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देवरा गांव में हुई थी घटना
मऊगंज जिले में आने वाले देवरा गांव में एक मंदिर की जमीन को लेकर विवाद है. यहां पर एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों पर मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने का दावा किया है. विधायक प्रदीप पटेल कई बार मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग कर चुके हैं. ऐसे में मंगलवार को गांव में तनाव की स्थिति तब बन गई, जब विधायक अपने समर्थकों के साथ खुद ही जेसीबी लेकर मंदिर का अतिक्रमण हटाने पहुंच गए. ऐसे में गांव में तोड़फोड़ और आगजनी की स्थिति बन गई. तनाव की स्थिति बनने के बाद पुलिस ने यही से विधायक प्रदीप पटेल को हिरासत में लिया था. जहां उन्हें अस्थाई जेल में रखा गया था.
वहीं गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है. विधायक ने जेल से छूटने के बाद ही गांव जाने की बात कह दी है, जबकि प्रशासन ने उन्हें 15 दिन तक विवादित स्थल तक नहीं जाने की सलाह दी है. ऐसे में जब उनकी रिहाई हुई तो वह तुरंत ही देवरा गांव जाने लगे थे. इस मामले में अब तक 20 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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