नई दिल्लीः मेहरान करीमी नसीरी, जिनके जीवन पर मशहूर डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग ने 'द टर्मिनल' फिल्म बनाई थी, उनकी मौत हो गई है. बता दें कि ईरान से निर्वासित और 18 साल तक पेरिस एयरपोर्ट पर बिताने वाले मेहरान करीमी नसीरी की हार्ट अटैक से मौत हुई है और खास बात ये है कि नसीरी ने उसी एयरपोर्ट पर दम तोड़ा, जहां उन्होंने अपने जीवन का लंबा समय बिताया. 


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मेहरान करीमी नसीरी ईरान छोड़कर बेल्जियम गए और वहां से ब्रिटेन जाने के लिए फ्रांस पहुंचे लेकिन ब्रिटेन की सरकार ने नसीरी को अपने यहां शरण देने से इंकार कर दिया. इसके चलते नसीरी पेरिस के चार्ल्स डे गाल एयरपोर्ट के टर्मिनल को ही अपना घर बना लिया. मेहरान, पेरिस एयरपोर्ट पर लगातार 18 साल तक रहे. इस दौरान एयरपोर्ट कपर काम करने वाले लोग उन्हें सर अल्फ्रेड के नाम से बुलाने लगे. मेहरान साल 1988 से 2006 तक एयरपोर्ट पर ही रहे. 


इस दौरान साल 2004 में उनके जीवन पर मशहूर निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने द टर्मिनल नाम से एक फिल्म बनाई. इस फिल्म में मुख्य भूमिका मशहूर हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स ने निभाई थी. यह फिल्म दुनियाभर में सराही गई और आज भी क्लासिक की श्रेणी में रखी जाती है.जिंदगी पर फिल्म बनने के बाद मेहरान करीमी नसीरी पूरी दुनिया में चर्चित हो गए. इसके बाद उनके जीवन पर डॉक्यूमेंट्री भी बनी और उनके कई इंटरव्यू भी हुए. साल 2006 में जब एयरपोर्ट पर रहते हुए मेहरान करीमी की तबीयत बिगड़ी  तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 18 साल बाद पहली बार मेहरान करीमी को एयरपोर्ट से बाहर ले जाया गया. 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1999 में फ्रांस सरकार ने मेहरान करीमी को राहत देते हुए उन्हें शरणार्थी के रूप में देश में रहने की इजाजत दे दी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने एयरपोर्ट पर ही रहने का फैसला किया. 2006 में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया तो वह एक हॉस्टल में रहने लगे लेकिन अपनी मौत से कुछ हफ्ते पहले ही वह दोबारा एयरपोर्ट पर रहने आ गए थे. आखिरकार पेरिस एयरपोर्ट पर ही मेहरान करीमी ने आखिरी सांस ली. 


मेहरान का जन्म साल 1945 में ईरान के शहर मस्जेद सुलेमान में हुआ था. उनके पिता ईरानी और मां स्कॉटिश मूल की थीं. एयरपोर्ट पर रहने के दौरान एयरपोर्ट स्टाफ करीमी से काफी खुश रहता था. यही वजह रही कि एयरपोर्ट उनके लिए घर जैसा हो गया था.