नई दिल्लीः देश के ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने 23 अगस्त 2005 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (mnrega) लागू किया गया था. यह एक रोजगार गारंटी योजना (Rojgar guarantee scheme) है, जिसमें मजदूर वर्ग के लोगों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. कुछ राज्यों में रोजगार गारंटी 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन कर दी गई है. अकुशल श्रमिकों के लिए यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है. अकुशल श्रमिकों की आजीविका सुरक्षा के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया था ताकि ग्रामीण इलाकों से पलायन रुक सके. 31 दिसंबर 2009 को इस योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) कर दिया गया. 


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मनरेगा (mnrega) में कौन-कौन से काम होते हैं शामिल
मनरेगा के तहत मुख्य तौर पर अकुशल श्रमिकों वाले काम जैसे टिकाऊ संपत्तियों जैसे सड़कों, नहरों, तालाबों और कुएं आदि का निर्माण का काम कराया जाता है, साथ ही जल संचयन, सूखा राहत, बाढ़ नियंत्रण के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण, भूमि विकास, बागवानी, लघु सिंचाई, विभिन्न तरह के आवास निर्माण, खड़ंजा निर्माण जैसे श्रम केंद्रित काम कराए जाते हैं. मनरेगा योजना में आवेदक के निवास के 5 किलोमीटर के भीतर ही रोजगार मुहैया कराया जाता है और न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 220 रुपए का भुगतान किया ही जाता है. इतना ही नहीं आवेदक को यदि आवेदन के 15 दिन के भीतर ही काम नहीं मिलता है तो आवेदक बेरोजगारी भत्ते का भी हकदार होता है. मनरेगा मुख्य तौर पर ग्राम पंचायतों द्वारा लागू किया जाता है.


मनरेगा के लिए कैसे करें आवेदन (how to apply)
मनरेगा योजना में काम पाने के लिए अभ्यर्थी अपने संबंधित ब्लॉक में आवेदन कर सकते हैं. मनरेगा में आवेदन के लिए आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण देना होता है. पंचायत सचिव या रोजगार सहायक की मदद से रजिस्ट्रेशन किया जाता है. रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदक को नौकरी कार्ड मिलेगा. जो कि 5 साल के लिए मान्य होगा. इस नौकरी कार्ड को पाने के बाद अभ्यर्थी रोजगार पाने के हकदार होंगे. योजना के तहत मजदूरी का भुगतान बैंक, डाकघर के बचत खातों के माध्यम से किया जाता है. जरूरत पड़ने पर नगद भुगतान की भी व्यवस्था होती है. 


राज्यों में मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी (mnrega minimum wage)
मनरेगा के तहत अलग-अलग राज्यों में न्यूनतम मजदूरी की दर अलग-अलग है. हरियाणा में 281, आँध्र प्रदेश में 205, अरुणाचल में 177, असम में 189, बिहार में 168, छत्तीसगढ़ में 174, गोवा में 254, गुजरात में 194, हिमाचल में 184 (गैर अनुसूचित क्षेत्र)और 230 (अनुसूचित क्षेत्र), जम्मू कश्मीर में 186, झारखंड में 168, कर्नाटक में 249, केरल में 271, महाराष्ट्र में 203, मणिपुर में 209, मेघालय में 181, मिजोरम में 194, नागालैंड में 177, ओडिशा में 182, पंजाब में 240, राजस्थान में 192, सिक्किम में 177, मध्य प्रदेश में 174, तमिलनाडु में 224, तेलंगाना में 205, त्रिपुरा में 177, उत्तर प्रदेश में 175, उत्तराखंड में 175, पश्चिम बंगाल में 191 रुपए न्यूनतम मजदूरी मिलती है.