Modi Cabinet: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में जीतने वाले 3 केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को इस्तीफा दिया. देर शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर किए और जो मंत्रालय तीनों केंद्रीय मंत्री संभाल रहे थे उनकी जिम्मेदारी अन्य मंत्रियों को सौंप दी है.


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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार मंत्रालयों के लिए केंद्रीय मंत्रियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. इस्तीफा देने वाले केंद्रीय मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और रेणुका सिंह का नाम शामिल है. एक दिन पहले तीनों ने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दिया था. 



राष्ट्रपति ने सौंपा अतिरिक्त प्रभार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार देर शाम केंद्रीय मंत्रिपरिषद से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और रेणुका सिंह का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया. इसके बाद उनके मंत्रालयों के लिए मंत्री भी नियुक्त कर दिए हैं. 


इन्हें मिली जिम्मेदारी
- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. अब तक ये मंत्रालय नरेंद्र सिंह तोमर के पास था.
- केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया है, जो अब तक केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के पास था. 
- केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा गया. ये मंत्रालय भी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के पास था.
-  डॉ. भारती प्रवीण पवार को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा, जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार सौंपा जाएगा.


आज ही दिया था इस्तीफा 
नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल ने गुरुवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था, जबकि एक दिन पहले उन्होंने लोकसभा सांसद के रूप में पद छोड़ा था. नियम के मुताबिक दो सदनों की सदस्यता केवल 14 दिनों तक ही बरकरार रखी जा सकती है. बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर मोदी सरकार में कृषि और किसान कल्याण मंत्री थे. प्रह्लाद पटेल केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री थे. रेणुका सिंह जनजातीय मामलों का मंत्रालय संभाल रही थीं. रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ के सीएम पद के दावेदारों में सबसे आगे हैं. BJP ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जीतने वाले अपने सभी सांसदों से संसद से इस्तीफा देने और अपने विधानसभा क्षेत्रों की देखभाल करने को कहा है.