मनीष मखर/इंदौर: इंदौर जिले की कान्ह और सरस्वती नदी (Kanh and Saraswati River) की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इनका प्रदूषण कम करने  बड़ी राशि आवंटित की है. बता दें कि इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र से 511 करोड़ रुपये मिले हैं. जिसके बाद अब इंदौर के सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है.


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सांसद शंकर लालवानी ने लिखा था पत्र
बता दें कि सांसद शंकर लालवानी ने इस विषय में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा था और भेंट भी की थी. जिसके बाद देशभर में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत करीब 1,200 करोड रुपये की अलग-अलग परियोजनाएं मंजूर हुई है. जिसमें सबसे ज्यादा 511 करोड़ रुपये इंदौर को मिले हैं. सांसद शंकर लालवानी ने अपने पत्र में लिखा था, 'नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए अप्रत्यक्ष रुप से प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नदियों को भी स्वच्छ किया जाना प्रस्तावित है.'


इंदौर की कान्ह एवं सरस्वती नदियों में प्रदूषण कम करने के लिए इंदौर नगर निगम ने भी एक प्रस्ताव भेजा है एवं इंदौर शहर की ''अभ्यास मंडल'' जैसी सामाजिक संस्थाएं भी इस विषय में लगातार सक्रिय हैं और उन्होंने पत्राचार भी किया है.''


हाल ही में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत करीब 1,200 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाएं देशभर में स्वीकृत हुई है. जिसमें से सर्वाधिक राशि इंदौर को मिली है. सांसद शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को धन्यवाद देते हुए कहा है कि इंदौर एक ऐतिहासिक शहर है और स्वच्छता में लगातार प्रथम आने के कारण देश एवं दुनिया के लोगों की पसंद बना हुआ है. बता दें कि इंदौर के बीच से कान्ह एवं सरस्वती नदियां बहती है. जिन्हें पुनः पुराने स्वरूप में लौटाने की आवश्यकता है. केंद्र सरकार से मिली इस राशि से इंदौर की नदियों का प्रदूषण कम है होगा एवं अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आस्था का केंद्र गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.


केंद्र ने बनाई है योजना  
केंद्र सरकार ने गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत सहायक नदियों एवं प्रदूषण को सोर्स पर कम करने के लिए योजना बनाई है और इसी योजना का जिक्र सांसद शंकर लालवानी ने अपनी चिट्ठी में करते हुए इंदौर के कान्ह एवं सरस्वती नदियों को स्वच्छ करने की मांग रखी थी.बता दें कि कान्ह एवं सरस्वती नदियां शिप्रा में, शिप्रा नदी चंबल में, चंबल नदी यमुना में एवं यमुना नदी गंगा नदी में मिलती है.