MP News: मध्य प्रदेश में एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. 72 घंटे के भीतर ही CMO के निलंबन करने का आदेश वापस ले लिया गया है. वहीं अब आयुक्त ने निलंबन करने की जगह विभागीय जांच करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि मुरैना सीएमओ रमाशंकर शर्मा पर भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितता के आरोप लगने के कारण उन्हें 18 जून को निलंबित कर दिया गया था.


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क्या है पूरा मामला?
CMO रमाशंकर शर्मा पर परिषद में खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी और कर्मचारियों को गलत भुगतान के मामले में हुई जांच में दोषी पाया गया था. इसके बाद आयुक्त के निर्देश पर नगरीय प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त ने 18 जून को रमाशंकर को सस्पेंड कर दिया था.


विभागीय जांच के आदेश
21 जून को एक और आदेश दिया गया, जिसमें नगरी प्रशासन विभाग के आयुक्त ने अपने दिए गए आदेश को बदलना पड़ा. अब कमिश्नर ने निलंबन करने की जगह विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. 


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CMO पर आरोप
रमाशंकर शर्मा नगर पालिका लहार और नगर परिषद मिहोना के भी प्रभारी सीएमओ थे. उन पर आरोप है कि नगर परिषद कालारस में प्रभारी CMO रहते हुए उन्होंने अनुपयोगी कबाड़ में लोहा, एल्यूमिनियम, बैटरी, प्लास्टिक के ड्रम, फाइबर के डस्टबिन, केबल, कॉपर, कंप्यूटर सामग्री, सोडियम चोक कॉपर के सहित अन्य सामग्री की नीलामी की थी.


नियम का उलंघन
CMO ने केवल लोहा और स्टील का ही भुगतान जमा कराया गया था. बाकी के कबाड़ को ठेकेदार से मिलकर खुरदबुर्द कर दिया गया. बेचा गया कबाड़ 1 लाख रुपये से ज्यादा का बताया गया था. नियम के अनुसार 1 लाख रुपये से ज्यादा का किसी भी कार्य के लिए ऑनलाइन टेंडर कराना होता है. 


वेतन में भी अनियमितता
CMO के प्रतिवेदन के अनुसार, उक्त कर्मचारियों में से 45 को दोबारा सेवा में लेकर 7 से 8 महीने का पिछला वेतन बिना किसी कार्य के भुगतान किया गया था. इसमें भी गंभीर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता मानी गई थी. 


आदेश से विपरीत कार्य किया
प्रभारी CMO को कलेक्टर मुरैना के आदेश 9 मई 2023 के अनुसार, केवल कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, बिजली बिल, पानी, टेलीफोन और अन्य आवश्यक देयकों का ही भुगतान करने का अधिकार था. उन्होंने कलेक्टर के आदेश के विपरीत कार्य किया और बिना अधिकार के सभी प्रकार के भुगतान किए, जो कि अनियमित होकर वित्तीय अनियमितता मानी गई थी.