MP Rajasthan ERCP Issue: ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच बातचीत हुई. इस दौरान पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) में पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच समझौता हो गया. दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने MOU साइन किया. बता दें कि पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच कुछ मुद्दों पर कई सालों से विवाद चल रहा था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पानी के बंटवारे पर बनी सहमति​
दोनों राज्यों के बीच समझौते के बाद सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण योजना है. यह विवाद 20 साल से चल रहा था. इससे प्रदेश के चबंल क्षेत्र, मालवा और निमाड़ को पानी मिलेगा. इससे पर्यटन के साथ-साथ 13 जिलों को भी फायदा होगा. दोनों राज्यों के बीच जो भी मतभेद थे वह अब दूर हो गये हैं. इससे दोनों राज्यों को फायदा होगा.


मालवा और चंबल को मिलेगा ज्यादा लाभ- सीएम मोहन यादव 
वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- इस योजना के सही ढंग से लागू होने से काफी फायदा होगा. खेती के साथ ही औद्योगिक विकास और पर्यटन को भी लाभ पहुंचेगा. इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ मालवा और चंबल बेल्ट में मिलने वाला है.  इस योजना के पूरा होने से शिवपुरी, ग्वालियर ,भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास,सहित कई जिलों में न केवल पेयजल बल्कि औद्योगिक जरूरत को पूरा करेगी. इसमें 7 डेम बनेंगे. सीएम ने आगे कहा कि आज जब मैं जयपुर पहुंचा, तब मेरी भजनलाल शर्मा से भी इस मुद्दे पर बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई. अब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने सहमति बनवाई है. ऐसे में आज इसका MOU होना हमारे लिए काफी सुखद है.


यह भी पढ़ें:  मध्यप्रदेश-राजस्थान के बीच ERCP के सुलह की राह, MOU पर क्या बोले- CM मोहन यादव और भजनलाल शर्मा


 


राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच यह है विवाद
ईआरसीपी के लिए बांध बनाने व पानी के शेयर को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच विवाद है. राजस्थान का तर्क था कि 2005 में हुए समझौते के अनुसार ही बांध बना रहे हैं. यदि परियोजना में आने वाले बांध और बैराज का डूब क्षेत्र दूसरे राज्य की सीमा में नहीं आता हो तो ऐसे मामलों में राज्य की सहमति जरूरी नहीं है. मध्यप्रदेश सरकार ने ईआरसीपी के लिए एनओसी नहीं दी. राजस्थान सरकार ने खुद के खर्च पर ईआरसीपी को पूरा करने का फैसला किया. बांध बनने लगा तो मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.