Ambah Vidhan Sabha Seat Analysis: मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) होने हैं. इससे पहले पार्टियां उम्मीदवार उतारने के लिए दावेदारों की लिस्ट पर चिंतन करने लगी हैं. इसके साथ ही नेता भी अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए तरह-तरह के जतन कर रही है. आइये समझते हैं मुरैना (Morena News) जिले के अंबाह सीट के बारे में जहां जातिगत आधार पर तो राजपूतों का दबदबा है. लेकिन, सीट SC वर्ग के लिए आरक्षित है. आइये समझें अंबाह के सियासी और जातिगत समीकरण


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पिछले चुनावों के आंकड़े
विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो यहां से कांग्रेस ने कमलेश जाटव को मैदान में उतारा था. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार नेहा किन्नर को 6.1% वोटों के अंतर से हराया था. हालांकि, 2020 में सिंधिया समर्थकों के बीजेपी में जाने पर कमलेश जाटव बीजेपी में शामिल हो गए और उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस के सत्यप्रकाश शेजवार को हरा दिया. वहीं साल 2013 की बात करें तो बीएसपी के सत्यप्रकाश ने बीजेपी के बंशीलाल जाटव को हरा दिया था.


वोटरों के आंकड़े
2018 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, अम्बाह में कुल मतदाताओं का संख्या 2 लाख 11 हजार के आसपास है. इनमें से पुरुषों की संख्या 1,17,038 है. वहीं इलाके में 94,642 महिला वोटर्स हैं. अगर अन्य मतदाताओं की संख्या की बात करें तो इनकी संख्या कुल 5 है.


जातिगत समीकरण
अंबाह के जातिगत समीकरण को देखों तो यहां तोमर और सखवार समाज वर्चस्व रखता है. 2018 के वोटरों के आधार पर अनुमानित जातिगण संख्या की बात करें तो पहले नंबर पर ठाकुर लॉबी वाले तोमरों की संख्या 65000 के आसपास है. वहीं दूसरा नंबर पर 35000 वोटों के साथ एससी वर्ग से ताल्लुक रखने वाला सखवार समाज है. इसके बाद अन्य समाज का नंबर आता है.
1- तोमर, 65000 वोट
2- सखवार, 35000 वोट
3- ब्राह्मण, 27000 वोट
4- बघेल, 23000 वोट
5- कुशवाह, 15000 वोट
6- राठौर, 13000 वोट
7- वैश्य, 12000 वोट
8- लोधी, 10,000 वोट
9- जाटव, 8500 वोट
10- गुर्जर, 8000 वोट
11- प्रजापति, 6000 वोट
12- मुस्लिम, 5000 वोट
13- नाई, 4000 वोट
14- धोबी, 3000 वोट
15- अन्य- 3000 वोट


क्या हैं इलाके के मुद्दे?
अंबाह में किसी सामान्य इलाके की तरह ही मुद्दे हैं. हालांकि, ये जिले के पिछड़े इलाकों में से एक है. यहां काफी संख्या में बुनियादी सुविधाओं का आभाव है. सड़क, पेयजल की समस्या के भी इलाके में लोगों के लिए एक बड़ा मुद्दा है. हालांकि, इलाके के युवाओं के लिए रोजगार एक बड़ा मुद्दा है. अब देखना होगा की इस इलाके में पार्टियां किसे मौका देती हैं और जनता किस पर अपना भरोसा जताती है.