Sendhawa Vidhan Sabha Seat: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस ने 2018 में मारी सेंध, इस बार किसे मिलेगी जीत?
sendhawa Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले की सेंधवा विधानसभा सीट (sendhawa Seat Analysis) पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें.
sendhawa Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. वहीं बड़वानी जिले की सेंधवा सीट पर इस वक्त सभी की निगाहें लगी हुई है. सेंधवा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इस सीट पर जनसंघ का कब्जा रहा. उसके बाद कांग्रेस और बीजेपी का मुकाबला हुआ. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. आईये जानते हैं, इस सीट का पूरा समीकरण...
सेंधवा सीट का जातीय समीकरण
सेंधवा सीट की बात की जाए तो ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इस सीट पर करीब 77 फीसदी एसटी वोटर्स हैं. अनुसूचित जनजाति समुदाय की दो उपजातियां बारेला और भिलाला भी यहां अच्छी खासी संख्या में हैं. बारेला समाज के करीब यहां पर 73 फीसदी मतदाता है, जो हार और जीत तय करते हैं.
कुल मतदाता- 2,62,572
पुरुष मतदाता - 1,32,652
महिला मतदाता- 1,29,906
सेंधवा सीट का राजनीतिक इतिहास
इस सीट पर बीजेपी के आर्य परिवार का खासा दबदबा रहा है. साल 1993 और 1998 की बात की जाए तो कांग्रेस के ग्यारसीलाल रावत ने बीजेपी के अंतर सिंह आर्य को हराया था. लेकिन फिर बीजेपी के अंतर सिंह आर्य ने लगातार जीत की हैट्रिक बनाकर कांग्रेस को बुरी तरह हराया था. उन्होंने 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में जीत हासिल की थी.
साल 2018 में थे ऐसे चुनाव परिणाम
वहीं साल 2018 के चुनाव में बीजेपी के अंतर सिंह आर्य और कांग्रेस के ग्यारसी लाल रावत के बीच मुकाबला था. कांग्रेस के ग्यारसीलाल रावत को 94,722 वोट मिले तो बीजेपी के अंतर सिंह आर्य के खाते में 78,844 वोट आए.
इस तरह ग्यारसीलाल रावत 15,878 मतों के अंतर से यह चुनाव जीत लिया.