Bhopal Dakshin Paschim Assembly Seat: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजधानी भोपाल की सीटों पर भी इस बार चुनाव अहम माना जा रहा है. 2018 में भोपाल की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी, ऐसे में इस बार भी इस सीट पर सबकी नजरे हैं. इस सीट का मिजाज भोपाल में कुछ अलग ही माना जाता है, ऐसे में इस बार भी इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. 


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पुराने और नए शहर में आती है यह सीट 


दरअसल, भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट भी राजधानी की हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में राजधानी की सबसे बड़ी न्यू मार्केट के अलावा झुग्गी बस्ती और शहर के के पॉश इलाके भी आते हैं. इसी वजह से इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो जाता है. इस सीट पर करीब 2 लाख 31 हजार के आसपास वोटर्स हैं. खास बात यह है कि भोपाल की इसी सीट पर सरकारी अधिकारी- कर्मचारी सबसे ज्यादा रहते हैं. जिससे इस वर्ग को लुभाने का भी हर बार प्रयास राजनीतिक दलों के प्रत्याशी करते हैं. 


दक्षिण-पश्चिम सीट का सामाजिक ताना-बाना 


बात अगर भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की जाए तो यहां सबसे ज्यादा एससी वर्ग के वोटर्स हैं, इसके बाद ब्राह्मण, कायस्थ, मुस्लिम और ओबीसी वोटर्स हैं. इनमें सबसे ज्यादा 75 तक सरकारी कर्मचारी भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर रहते हैं, जो हार जीत तय करते हैं. कर्मचारियों की बहुलता वाली सीट होने के चलते यहां समय-समय पर बदलाव भी देखने को मिलता रहता है. 


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दक्षिण-पश्चिम सीट के सियासी समीकरण 


भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला होता रहा है. 2013 में इस सीट पर बीजेपी के उमाशंकर गुप्ता ने जीत दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया था, लेकिन 2018 में कांग्रेस के पीसी शर्मा ने उन्हें हरा दिया था, खास बात यह है कि पीसी शर्मा को भी कमलनाथ सरकार में मंत्री बनाया गया था, ऐसे में इस सीट पर यह अनोखा संयोग भी बना. 1990 से 2018 यहां पांच बार बीजेपी और दो बार कांग्रेस को जीत मिली थी. 


दक्षिण-पश्चिम सीट के अब तक के विधायक 


  • पीसी शर्मा, कांग्रेस, 1998

  • उमाशंकर गुप्ता, बीजेपी, 2003

  • उमाशंकर गुप्ता, बीजेपी, 2008

  • उमाशंकर गुप्ता, बीजेपी, 2013

  • पीसी शर्मा, कांग्रेस, 2018 


2018 का परिणाम 


2018 में बीजेपी ने यहां शिवराज सरकार में मंत्री उमाशंकर गुप्ता को चौथी बार मैदान में उतारा था, जबकि कांग्रेस ने पीसी शर्मा को मौका दिया था. जहां चुनाव में पीसी शर्मा को 67,323 वोट मिले थे, जबकि उमाशंकर गुप्ता को 60,736 वोट मिले थे, इस तरह से पीसी शर्मा ने यहां 6,587 वोटों से जीत हासिल की थी. 


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