MP Assembly Election: बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची में जिन सांसदों को विधानसभा का टिकट दिया है उनमें सीधी से रीति पाठक भी शामिल हैं, पार्टी ने उन्हें सीधी विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जबकि यहां से वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया गया है. टिकट कटने के बाद केदारनाथ शुक्ला ने बगावती तेवर दिखाए हैं, जिस पर रीति पाठक का भी बड़ा बयान आया है. 


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पेशाबकांड टिकट कटने की वजह 


दरअसल बीजेपी की दूसरी सूची में सांसद रीती पाठक को सीधी से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद विधायक केदारनाथ शुक्ला ने विरोध जताना शुरू कर दिया, विरोध इस बात का कि वह इस विधानसभा से लगातार तीन बार के विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार सीधी में हुए पेशाब कांड से लेकर आदिवासी अत्याचार के मामले को देखने के बाद भाजपा ने केदारनाथ शुक्ला को टिकट नहीं दिया बल्कि उनकी जगह पर सीधी से सांसद रीती पाठक को टिकट दे दिया है. 


उनका विरोध ही हमारा आशीर्वाद 


दरअसल, जब रीति पाठक से केदारनाथ शुक्ला के विरोध को लेकर सवाल किया तो उनका कहना है था 'वह हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और हम बुजुर्गों की बातों का बुरा नहीं मानते, उनकी नाराजगी ही मेरे लिए आशीर्वाद है. जनता का भी मुझे आशीर्वाद मिलेगा.' रीति पाठक का यह बयान अहम माना जा रहा है कि क्योंकि वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं, ऐसे में उन्हें बीजेपी के तमाम नेताओं के समर्थन की जरुरत होगी.


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2 अक्टूबर के बाद लूंगा फैसला 


वहीं केदारनाथ शुक्ला ने टिकट कटने के बाद बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने कहा ' सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला कहना है कि मैंने पार्टी से पत्र लिखकर पूछा है कि मेरा टिकट आखिर क्यों कटा मेरे खिलाफ षड्यंत्र है और जो भी षड्यंत्र रचा है वह षड्यंत्र की सफलता पर पहुंचा है. बीते कुछ दिनों में हमारे पास डेढ़ हजार से अधिक लोग अलग-अलग जगह से आए थे काफी आक्रोशित थे हमने कहा है की ठंडे दिमाक सोचो. और 1 अक्टूबर को फैसला अपना फैसला हमे बताओ. इसके बाद हम 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन फैसला लेंगे चुनाव के बारे में. 


बता दें कि केदारनाथ शुक्ला का यह बयान अहम माना जा रहा है अगर वह बीजेपी से बगावत करते हैं तो यह विंध्य में अब तक की सबसे बड़ी बगावत होगी. क्योंकि टिकट जारी होने के बाद से ही उन्होंने रीति पाठक का विरोध शुरू कर दिया है. 


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