Seoni Vidhan Sabha Seat Analysis: मध्य प्रदेश का सिवनी की बात करें तो यहां कुल चार विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो पर भाजपा और दो पर कांग्रेस का कब्जा है. इन चार सीटों में से दो सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. अगर हम सिवनी विधानसभा सीट की बात करें तो 2008 के सिवनी विधानसभा चुनाव में, भाजपा की नीता पटेरिया 41,928 वोटों के साथ विजयी हुईं, उन्हें कुल वोटों का 33.00% हासिल हुआ था. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, दिनेश राय मुनमुन, जो निर्दलीय उम्मीदवार, जो 29,444 वोटों के साथ उपविजेता रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि 2013 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश राय ने जीत हासिल कर ली थी और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्होंने 2018 के चुनावों में 99,576 वोट हासिल करके अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा, जबकि कांग्रेस को करीब पिछले चार दशकों से इस सीट पर जीत के सूखे का सामना करना पड़ रहा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दिनेश राय मुनमुन को कांग्रेस के मोहन सिंह चंदेल से 22,008 वोट ज्यादा मिले.


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MP Election: 1990 से इस सीट पर था BJP का कब्जा! 2018 में सिटिंग MLA का कटा टिकट तो हो गया बड़ा खेला


जातिगत समीकरण
मुख्य रूप से 1956 में स्थापित सिवनी विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों के दौरान, कुल 2,43,421 मतदाता थे, जिनमें 1,24,828 पुरुष मतदाता और 1,18,588 महिला मतदाता थे. जहां पर 82.5% मतदान हुआ था , जिसमें नोटा के पक्ष में 769 वोट (0.3%) पड़े थे. जातिगत समीकरण की बात करें तो सिवनी को भाजपा का गढ़ माना जाता है, विशेष रूप से कुर्मी और बागड़ी समुदाय चुनाव के नतीजे निर्धारित करने में प्रभाव डालते हैं.


सीट का इतिहास
ऐतिहासिक रूप से, इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है, पार्टी 1990 से 2008 तक लगातार जीतती रही है. पिछले चुनाव में भी यह प्रवृत्ति 2018 में भी जारी रही जब दिनेश राय मुनमुन 99,576 वोटों से जीत हासिल की. हालांकि, भाजपा के प्रभुत्व से पहले, कांग्रेस का दबदबा था, जैसा कि 1985 में रमेश चंद जैन और 1972 में कांग्रेस के लिए नित्येंद्र नाथ शील की जीत में देखा गया था.


सिवनी विधानसभा क्षेत्र के सभी विधायकों की सूची


दिनेश राय मुनमुन (BJP) - 2018
दिनेश राय (मुनमुन) (IND) - 2013
नीता पटेरिया (BJP) - 2008
नरेश दिवाकर (BJP) - 2003
नरेश दिवाकर (BJP) - 1998
महेश प्रसाद शुक्ला (BJP) - 1993
महेश प्रसाद शुक्ला (BJP) - 1990
रमेश चंद जैन (कांग्रेस) - 1985
अब्दुल रहमान फारुकी (कांग्रेस) - 1980
प्रभा भार्गव (कांग्रेस) - 1977
नित्येंद्र नाथ शील (कांग्रेस) - 1972