Sidhi Churhat Vidhan Sabha Seat Analysis: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी विन्ध्य पर फोकस कर रही है. सीधी जिले की चुरहट विधानसभा सीट पर उतार-चढ़ाव भरा राजनीतिक परिदृश्य देखा गया है. इस सीट पर कांग्रेस का पारंपरिक रूप से दबदबा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और उनके बेटे अजय सिंह ने कई बार इस सीट से चुनाव जीते. हालांकि, 2018 के चुनावों में बड़ा बदलाव हुआ, जब भाजपा के शरदेंदु तिवारी ने कांग्रेस नेता अजय अर्जुन सिंह को हरा दिया, चलिए इसके समीकरण को समझतें हैं...


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MP Seat Analysis: बीरबल की धरती में विश्वामित्र के सहारे BJP, जानें क्या ये समीकरण लगा पाएंगे पार


पिछले कुछ चुनाव के नतीजे
सीधी जिले की चुरहट विधानसभा सीट पर पिछले चार चुनावों में 3 तो कांग्रेस में दबदबा रहा, लेकिन पिछले चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था. बता दें कि  2003 में, जब जिले में केवल दो विधानसभा सीटें थीं, अजय अर्जुन सिंह ने जीत हासिल की. इसके बाद 2008 के चुनाव में भी, अजय सिंह ने चुरहट सीट बरकरार रखी. इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला 2013 में भी जारी रहा, जब उन्होंने भाजपा के शरदेंदु तिवारी को हराकर चुरहट से अपनी लगातार चौथी जीत हासिल की. हालांकि, 2018 के चुनाव में, एक उल्लेखनीय उलटफेर हुआ क्योंकि भाजपा उम्मीदवार शरदेंदु तिवारी ने विपक्ष के मौजूदा नेता अजय अर्जुन सिंह को 4 प्रतिशत वोटों के अंतर से हरा दिया. इस तरह चुरहत की सत्ता में बड़ा बदलाव हुआ.


चुरहट के मतदाता
2018 की मतदाता सूची के अनुसार, चुरहट में 228,550 मतदाताओं के साथ, जिनमें 107,127 महिलाएं और 121,420 पुरुष शामिल हैं. यह निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश के राजनीतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.


जातिगत समीकरण
इस सीट में मतदाता ब्राह्मण, क्षत्रिय और पिछड़े वर्ग में बंटे हुए है. खास बात ये है कि इस सीट पर पिछड़ा वर्ग में लगभग 70 हजार वोट हैं, जिसमें पटेल जाति के लोग भी शामिल हैं. जो पार्टी इन वोटों का बहुमत हासिल करने में कामयाब होती है उसे अक्सर यहां बाजी मारती है.


अर्जुन सिंह का गढ़
मध्य प्रदेश के चुरहट विधानसभा क्षेत्र का एक बहुत बड़ा राजनीतिक इतिहास है. इस सीट का खास पहलू यह है कि यह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह यहां से भी चुनाव लड़ते थे. अर्जुन सिंह ने चुरहट से कई बार इस सीट एमएलए थे. अर्जुन सिंह की राजनीतिक विरासत को उनके बेटे अजय सिंह ने आगे बढ़ाया, वो भी इस सीट से जीते भी थे. चुरहट पर सिंह परिवार का गढ़ था. राजनीतिक दलों के संदर्भ में, कांग्रेस की चुरहट में मजबूत उपस्थिति थी. यह सीट काफी समय तक कांग्रेस के पास रही. हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि भाजपा केवल दो बार चुरहट में जीत हासिल करने में सफल रही. 1993 के चुनावों में, गोविंद प्रसाद मिश्रा ने भाजपा के लिए सीट जीती, और 2018 में, शरदेंदु तिवारी भाजपा के लिए विजयी हुए, और इस सीट पर कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे दबदबा को तोड़ दिया.


चुरहट विधानसभा क्षेत्र के विधायकों की सूची:
1967 - चन्द्र प्रताप तिवारी (प्रजा सोशलिस्ट पार्टी)
1972 - चन्द्र प्रताप तिवारी (कांग्रेस)
1977 - अर्जुन सिंह (कांग्रेस)
1980 - अर्जुन सिंह (कांग्रेस)
1985 - अर्जुन सिंह (कांग्रेस)
1985 - अजय सिंह (कांग्रेस)
1990 - अर्जुन सिंह (कांग्रेस)
1991 - अजय सिंह (कांग्रेस)
1993 - गोविंद प्रसाद मिश्र (भारतीय जनता पार्टी)
1998 - अजय सिंह (कांग्रेस)
2003 - अजय सिंह (कांग्रेस)
2008 - अजय सिंह (कांग्रेस)
2013 - अजय सिंह (कांग्रेस)
2018 - शरदेंदु तिवारी (BJP)