MP Assembly Elections 2023: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2023)होने वाले हैं. इस चुनाव को लेकर सभी प्रमुख पार्टियां चुनावी तैयारी में जुट गई हैं. मिली जानकारी के अनुसार  प्रीतम लोधी (Pritam Lodhi) जिन्होंने पिछले साल अगस्त में  ब्राह्मणों को लेकर टिप्पणी की थी और उनका पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. उनकी चुनाव से पहले बीजेपी में वापसी हो सकती है तो चलिए आपको बताते हैं अगर प्रीतम की वापसी भाजपा में होती है तो इससे विधानसभा चुनाव में क्या प्रभाव पड़ेगा और ये क्यों अहम है? 


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प्रीतम लोधी की भाजपा में शामिल होने की अटकलें
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का सियाशी पारा चढ़ चुका है. भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है.साथ ही सभी वर्गों को साधने में लगी. इसी क्रम ओबीसी समाज से आने वाले एक प्रीतम लोधी हैं. जिनकी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से  नजदीकियां हैं. गौरतलब है कि  प्रीतम लोधी ने पिछले साल अगस्त में ब्राह्मण समुदाय पर विवादित टिप्पणी की थी. जिसको लेकर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसी के चलते कुछ लोगों ने इसको लेकर बीजेपी का विरोध किया था.अब  प्रीतम को चुनाव से पहले भाजपा (BJP) के शीर्ष नेता पार्टी में शामिल कराने के लिए लगे हुए हैं. चलिए बताते हैं कि इनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को किस वर्ग का फायदा मिल सकता है.  


ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश
गौरतलब है कि प्रीतम लोधी ओबीसी वर्ग से आते हैं. जिनकी राज्य में लगभग जनसंख्या 40-45 फीसद है. ये राज्य का बड़ा वोट बैंक है. इसलिए भाजपा की कोशिश हैं कि प्रीतम लोधी भाजपा में शामिल हो जाएं. जिससे  ओबीसी वर्ग का बोट बैंक नाराज न हो और उनका वोट पार्टी को मिल सके. साथ ही प्रीतम लोधी उमा भारती के करीबी भी हैं जो पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रही हैं.ये भी ओबीसी वर्ग से आती. जिनका ग्वालियर व शिवपुरी क्षेत्र में काफी प्रभाव हैं, लेकिन अभी तक प्रीतम लोधी के भाजपा में शामिल होने  पूरी की तरह से पुष्टि नहीं हुई है. 


ब्राह्मण वोट बैंक को कैसे साधेगी बीजेपी?
बता दें कि कुछ समय पहले प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों पर विवादित टिप्पणी की थी. जिससे ब्राह्मण समाज उनसे नाराज हो गया था और उन्होंने भाजपा पार्टी से उनको निष्कासित करने की मांग की थी. जिससे उन्हें बीजेपी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन कुछ दिनों से खबरे आ रही हैं कि वे बीजेपी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. ऐसा होने पर ये देखना भी दिलचस्प है कि चुनाव से पहले प्रदेश के ब्राह्मण वोट बैंक पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है और भाजपा प्रदेश का ब्राह्मण वोट बैंक कैसे साधेगी?