MP Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इसी साल विधानसभा चुनाव होना (Assembly Elections 2023) है. जिसको लेकर सियासी हलचलें तेज हैं. सीएम शिवराज सभी वर्गों को साधने की कोशिश में लगातार लगे हुए हैं. इस बीच बहुप्रतीक्षित मंत्री मंडल विस्तार फिर से टल गया है. इसकी वजह से मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे विधायकों का इंतजार और लंबा हो गया है. चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट विस्तार शिवराज सरकार के लिए काफी बड़ा चैलेंज है. कई तरह के जातिगत समीकरण भी बैठाने है. सिंधिया खेमे को भी बैलेंस रखना है. शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) में इस समय चार पद खाली हैं. 


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बीजेपी बना रही समीकरण
बीजेपी आगामी चुनाव को देखते हुए मंत्रीमंडल विस्तार में भी जातीय समुदाय के समीकरण बैठाने के जुगत में लगी हुई है. कैबिनेट विस्तार को लेकर एक तरफ ये कहा जा रहा था कि संगठन और शिवराज सिंह चौहान के पसंद वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ नए मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक विधायकों को भी जगह दी जाना जरूरी है. कई महीनों से सरकार मंत्रालय में किसको शामिल करे इस पर विचार बना पाने में नाकाम साबित हो रही है.


इसलिए होगा विस्तार 
इस मंत्रीमंडल विस्तार के जरिए शिवराज सरकार क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को साधने की पूरी कोशिश करेगी, जिससे किसी भी जगह नुकसान की गुंजाइश ना रहे. लंबे समय से मध्य प्रदेश बीजेपी में लीडरशिप को कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि प्रदेश में इस बार बीजेपी शिवराज के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ना चाह रही है. हालांकि केंद्र से इस ओर कोई इशारा नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में शिवराज सिंह के लिए सभी को साधना बेहद अहम है. बताया जा रहा है कि महाकौशल और विंध्य क्षेत्र को शिवराज मंत्रिमंडल में वो वरीयता नहीं दी गई जिसके वो हकदार थे. इसकी वजह से इन क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ बड़ी नाराजगी है. इसी नाराजगी को कम करने के लिहाज से इन क्षेत्रों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है. लेकिन लगातार मंत्री बनने की उम्मीद लगाए विधायकों की प्रतीक्षा बढ़ती जा रही है.


ग्वालियर-चंबल संभाग से सबसे ज्यादा 9 मंत्री 
कैबिनेट में शामिल मंत्रियों और उनके क्षेत्रीय समीकरण पर ध्यान दें तो इस समय शिवराज कैबिनेट में ग्वालियर-चंबल संभाग से सबसे ज्यादा 9 मंत्री शामिल हैं. इसमें कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, अरविंद भदौरिया के साथ राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव महेंद्र सिंह सिसोदिया और यशोधरा राजे सिंधिया के नाम शामिल हैं जो विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
 
मालवा-निमाड़ से भी 9 मंत्री
ग्वालियर-चंबल के अलावा मालवा-निमाड़ से भी 9 मंत्री शिवराज कैबिनेट में शामिल हैं. इसमें तुलसी सिलावट,  हरदीप सिंह डंग, प्रेम सिंह पटेल, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और ओमप्रकाश सखलेचा विजय शाह, ऊषा ठाकुर, मोहन यादव, मंत्रालय में हैं. 


बुंदेलखंड के आंकड़े
जबकि हम बुंदेलखंड की बात करें तो यहां से शिवराज कैबिनेट में 4 कैबिनेट मंत्री हैं. जिसमें गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, प्रभुराम चौधरी और विश्वास सारंग गोविंद सिंह राजपूत और बृजेंद्र प्रताप सिंह और का नाम शामिल है. आने वाले विस्तार के बाद यह देखने वाली बात होगी की इसमें किसके पास मंत्रालय रहता है और किसकी छुट्टी होती है.


इन नामों की है संभावना
आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी मंत्री मंडल के जरिए भी लोगों को साधने की कोशिश करने की तैयारी कर रही है. मंत्रिमंडल को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें सिंधिया समर्थक विधायकों को भी मंत्री बनाना है ऐसे में शिवराज के सामने एक मुश्किल खड़ी है. किसकों निकालें किसको रखें. 


अगर हम मंत्रालय में एससी वर्ग की बात करें तो इसमें विष्णु खत्री , जजपाल सिंह जज्जी और हरीशंकर खटीक ब्राह्मण कोटे से राजेंद्र शुक्ला और शरदेंदु तिवारी और संजय पाठक और ओबीसी वर्ग से मनोज चौधरी व महेंद्र हार्डिया का नाम सामने आ रहा है जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया जा सकता है.


एसटी से सुलोचना रावत और जनरल केटेगरी में चेतन कश्यप का नाम संभावित है. इसके अलावा जालम सिंह पटेल, रमेश मेंदोला, नागेंद्र सिंह और पारस जैन के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के कायास लगाए जा रहे हैं. कुल 10-12 मंत्री नए मंत्री मंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद है


कई मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही कई मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. कहा जा रहा है कि मौजूदा कैबिनेट के 6 मंत्रियों पर सत्ता और संगठन दोनों की नजरें हैं. इनमें सिंधिया समर्थक मंत्रियों की भी मंत्रालय से छुट्टी हो सकती है. इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं जिनका मंत्रालय जा सकता है.