जरूरी खबर: महापौर-पार्षद का चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी जल्द दे यह जानकारी, नहीं तो...
मध्य प्रदेश में महापौर और पार्षद का चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशी और चुनाव जीतने वाले सभी प्रत्याशियों को राज्य निर्वाचन आयोग ने अहम जानकारी देने के निर्देश दिए हैं. अगर यह जानकारी तय समय में नहीं दी गई तो फिर चुनाव आयोग कार्रवाई भी कर सकता है.
भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. महापौर और पार्षद का चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी जीत का जश्न भी मना चुके हैं. अब निर्वाचन आयोग ने चुनाव जीतने वाले इन पार्षदों को एक अहम जानकारी देने का निर्देश दिया है. खास बात यह है कि जानकारी देने के लिए 1 महीने का समय तय किया गया है. अगर एक महीने के अंदर यह जानकारी नहीं दी तो फिर कार्रवाई भी हो सकती है. इसलिए सभी को यह जानकारी निर्वाचन आयोग को देनी होगी वो भी एक महीने के अंदर.
बताना होगा चुनावी खर्च
दरअसल इस बार महापौर-पार्षद प्रत्याशियों को चुनावी खर्च की जानकारी देना अनिर्वाय किया गया है. जिसके लिए निर्वाचन आयोग ने एक महीने का समय तय किया है. महापौर और पार्षद का चुनाव लड़े प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में हुए खर्च फिर उसके बाद जिन्होंने चुनाव जीता है उनके विजयी जुलूस और अन्य कार्यों पर कितना खर्च हुआ इसकी पूरी जानकारी देनी होगी.
क्योंकि मतगणना के बाद प्रत्याशियों के विजय जुलूस भी निकाले गए थे. इसलिए इस खर्च को भी इसमें शामिल किया गया है. भोपाल जैसे 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में महापौर प्रत्याशी 35लाख तो पार्षद प्रत्याशी 8.75 लाख रुपए तक खर्च करने की सीमा तय की गई थी.
जानकारी नहीं मिलने पर आयोग देगा नोटिस
यह पहला मौका है जब पार्षद प्रत्याशियों के लिए भी खर्च की सीमा तय की गई है, प्रत्याशियों के इस चुनाव खर्च पर नजर रखने के लिए आयोग ने प्रेक्षक नियुक्त किए थे. तय समय में खर्च का ब्यौरा जमा नहीं करने पर आयोग नोटिस देगा, नोटिस के बावजूद भी चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ने खर्च का ब्योरा आयोग को नहीं भेजा तो चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है. इसलिए चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों से एक माह के अंदर जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.
बता दें कि इस बार मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में हुए थे. पहले चरण में 11 नगर निगमों के रिजल्ट 17 जुलाई को आए थे, जबकि दूसरे चरण के रिजल्ट 20 जुलाई को आए थे. बीजेपी के इस बार 9 महापौर प्रत्याशी जीते हैं, जबकि कांग्रेस के पांच महापौर प्रत्याशी चुनाव जीते हैं.